Thursday, September 12, 2024
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दिल्ली मेट्रो बड़ी खबर! टोकन सिस्टम हुआ बंद, अब ये होगी प्रक्रिया, स्टेशनों पर करना होगा ये काम

Delhi Metro : राजधानी दिल्ली के मेट्रो में सोमवार से क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट से किराया भुगतान की सुविधा शुरू की गई है। इसके लिए सभी मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश व निकास के लिए दो- दो आटोमेटिक फेयर कलेक्शन (AFC) गेट अपग्रेड किए गए हैं।

इसलिए यात्री अब टोकन की जगह टिकट लेकर मेट्रो में सफर कर सकेंगे। अगले कुछ माह में मेट्रो में प्लास्टिक के टोकन का चलन बंद हो जाएगा। इसके अलावा, इस माह के अंत तक क्यूआर कोड के माध्यम से मोबाइल 7 से किराया भुगतान की सुविधा भी में शुरू हो जाएगी।

किराया भुगतान की प्रक्रिया में आएगी पारदर्शिता

आने वाले दिनों में स्मार्ट कार्ड, नेशनल कामन मोबिलिटी कार्ड (NCMC), स्मार्ट फोन के अलावा क्यूआर कोड आधारित टिकट से ही मेट्रो में किराया भुगतान की सुविधा होगी. दिल्ली मेट्रो रेल निगम ने यह कदम प्लास्टिक के टोकन खरीदने में होने वाले खर्च को कम करने के लिए उठाया है. डीएमआरसी (DMRC) का कहना है कि इससे किराया भुगतान की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी.

मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट शुरू

इस महीने के अंत तक मोबाइल आधारित क्यूआर टिकट शुरू करने का लक्ष्य है. इसके लिए मोबाइल एप को अपग्रेड करने का काम चल रहा है. यह सुविधा शुरू होने पर यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. मोबाइल से ही किराया भुगतान हो सकेगा. मौजूदा समय में एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर मोबाइल से किराया भुगतान की सुविधा है.

जून तक सभी एएफसी (AFC) गेट हो जाएंगे अपग्रेड

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्ली मेट्रो के कुल 255 स्टेशन है. इन स्टेशनों पर कुल करीब 12 हजार एएफसी गेट लगाए गए हैं जिसमें से अब तक करीब 990 एएफसी गेट को क्यूआर कोड से किराया भुगतान के लिए अपग्रेड किया जा चुका है.

स्टेशनों पर हो सकती है साफ-सफाई की समस्या

सोमवार को कुछ स्टेशनों के निकास एएफसी गेट के पास कागज के क्यूआर कोड आधारित टिकट बिखरे नजर आए. एएफसी गेट से निकलने के बाद कुछ यात्री टिकट वहीं फेंक देते है. यदि यही स्थिति रही तो स्टेशनों पर साफ सफाई की थोड़ी समस्या हो सकती है. मेट्रो में प्रति दिन करीब 25 लाख यात्री सफर करते हैं, जिसमें 70 प्रतिशत यात्री स्मार्ट कार्ड से किराया भुगतान करते हैं.

टोकन का इस्तेमाल करते हैं 30 प्रतिशत यात्री

30 प्रतिशत यात्री टोकन का इस्तेमाल करते हैं. टोकन बंद होने पर मेट्रो में प्रति दिन करीब साढ़े सात लाख यात्री प्रतिदिन कागज के टिकट का इस्तेमाल करेंगे. डीएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि स्टेशनों पर डस्टबिन की व्यवस्था है. निकास एएफसी गेट के निकास एएफसी गेट के पास मौजूद डस्टबिन में यात्री टिकट डाल सकते हैं.

इस तरह किया जा सकेगा टिकट का इस्तेमाल

• क्यूआर कोड आधारित टिकट पर प्रस्थान और गंतव्य स्टेशन का नाम- लिखा होगा. इस टिकट के सहारे यात्री सिर्फ उसी स्टेशन से प्रवेश कर सकेंगे, जिस प्रस्थान स्टेशन से टिकट जारी हुआ है. इसी तरह गंतव्य स्टेशन से ही बाहर निकल सकते हैं. यदि किसी कारण गंतव्य स्टेशन से पहले या बाद के स्टेशन पर उतरना पड़े तो यह टिकट मान्य नहीं होगा.

• संबंधित यात्री को कस्टमर केयर काउंटर पर संपर्क करना होगा. कस्टमर केयर आपरेटर यात्री को एक निकासी टिकट जारी करेगा. आगे के स्टेशन के लिए किराया अधिक होने पर अतिरिक्त शुल्क भुगतान करना पड़ेगा. गंतव्य स्टेशन से पहले उतरने पर यदि वहां का किराया कम हुआ तो पैसा वापस भी होगा.

• किसी तकनीकी कारण से टिकट से किराया भुगतान नहीं हो पाने की स्थिति में निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मेट्रो स्टेशनों पर मौजूद कस्टमर केयर आपरेटर किराया समायोजित कराएंगे.

• यह टिकट जारी होने के 60 मिनट के भीतर यात्री मेट्रो में सफर कर सकेंगे. इसके बाद, यह टिकट अमान्य हो जाएगा और पैसा भी वापस नहीं होगा.

• टिकट खो जाने पर फोन में उसका फोटो लेकर रखने के बावजूद उसे वैध नहीं माना जाएगा और इसे बगैर टिकट सफर माना जाएगा. ऐसी स्थिति में जुर्माना वसूल किया जाएगा.

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Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap, has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done BA in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @jharkhandbreakingnews@gmail.com
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