Monday, November 25, 2024
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Fitment Factor Hike: सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, फिटमेंट फैक्टर में 3 गुना होगी बढ़ोतरी, यहां जानें विस्तार में

Fitment Factor Hike : कर्मचारियों के फिटमेंट फैक्टर में 3 गुना बढ़ोतरी पर कितनी बढ़ेगी सैलरी, यहां जानें, 7th Pay Commission latest news: साल 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर इजाफा हुआ. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वां वेतन आयोग (7th CPC) इसी साल लागू किया गया. 7th CPC की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी (Minimum Salary) बढ़ाने के लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू किया गया. फिटमेंट फैक्टर की वजह से केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी सीधे 6000 रुपए से बढ़कर 18000 रुपए हो गई.

फिटमेंट फैक्टर बेसिक सैलरी का 2.57 गुना तय है. लेकिन, डिमांड 3 गुना करने की है. ये डिमांड साल 2017 के बाद से हो रही है. लेकिन, अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. अगर फिटमेंट को 3 गुना किया जाता है तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 26000 रुपए से ऊपर हो जाएगी.

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (CG Employees Salary) तय करने में फिटमेंट फैक्टर का सबसे बड़ा रोल है. 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों के मुताबिक, केंद्रीय कर्मचारियों का कुल वेतन भत्तों के अलावा बेसिक सैलरी (Basic Salary) और फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) से तय होता है. मतलब केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ढाई गुना से कैलकुलेट होकर बढ़ाई जाती है.

7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, फिटमेंट फैक्टर 2.57 है. केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय, भत्तों के अलावा जैसे महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंट (HRA) बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर 2.57 से गुणा करके निकाला जाता है. उदाहरण के तौर पर- अगर किसी केंद्रीय कर्मचारी की बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, तो भत्तों को छोड़कर उसकी सैलरी होगी 18,000 X 2.57= 46,260 रुपए. अगर फिटमेंट फैक्टर 3 होता है तो निश्चित तौर पर इसका फायदा मिलेगा. कर्मचारियों की लंबी समय से डिमांड है कि फिटमेंट को बढ़ाया जाए.

बिना भत्तों के जब केंद्रीय कर्मचारी (Central government employees) की सैलरी तय हो जाती है, तो इसके बाद तमाम तरह के भत्तों को जोड़ा जाता है, जैसे DA, TA, HRA. केंद्रीय कर्मचारियों के लिए DA महंगाई से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए दिया जाता है. इसे साल में दो बार तय किया जाता है. पहली बार जनवरी से जून के दौरान और दूसरी बार जुलाई से दिसंबर की अवधि के लिए तय होता है.

सरकार साल के पहले 6 महीने की महंगाई का औसत निकालती है, इसमें जनवरी से जून को काउंट किया जाता है. इसके बाद दूसरी छमाही में महंगाई का औसत निकाला जाता है. इस आधार पर DA में बढ़ोतरी तय की जाती है. DA हमेशा औसत महंगाई से ज्यादा होता है. फिलहाल, जुलाई AICPI इंडेक्स 133.3 अंक पर है.

इसलिए ऐसा अनुमान जताया जा रहा है कि जुलाई 2023 की अवधि के लिए महंगाई भत्ता कम से कम 4 फीसदी बढ़ाया जा सकता है. DA में बढ़ोतरी के बाद TA उसी आधार पर बढ़ाया जाता है. DA में बढ़ोतरी TA से भी लिंक्ड है. इसी तरह HRA भी तय होता है. जब सारे भत्ते कैलकुलेट हो जाते हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की मंथली CTC तैयार होती है.

सभी तरह के भत्ते और सैलरी फाइनल होने पर बात Provident Fund (PF) और ग्रेच्युटी कंट्रीब्यूशन की होती है. PF और ग्रेच्युटी में बेसिक सैलरी और DA के आधार पर कंट्रीब्यूशन तय होता है. इसके बाद सारे भत्ते और कटौतियां CTC से होती हैं तब केंद्रीय कर्मचारी की टेक होम सैलरी बनती है.

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Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap, has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done BA in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @jharkhandbreakingnews@gmail.com
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