ITR Filing: आईटीआर दाखिल करते वक्त टैक्सपेयर्स को अपने तमाम इन्वेस्टमेंट के बारे में बताना होता है. लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो आईटीआर में गलत जानकारी दे देते हैं, जिसकी वजह से उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाती है.
ITR Notice: हर साल लोग इनकम टैक्स रिटर्न्स (ITR) भरते हैं. आईटीआर सही तरीके से भरा हो तो लोगों को छूट भी मिलती है. देश की इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में इनकम टैक्स पेयर्स का बड़ा योगदान है. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स (Taxpayers Income Tax) बचाने के लिए कई पैतरें अपनाते हैं. टैक्स डिडक्शन के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चलाती है.
आईटीआर (ITR) दाखिल करते वक्त टैक्सपेयर्स को अपने तमाम इन्वेस्टमेंट (Investment) के बारे में बताना होता है. लेकिन कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो आईटीआर (ITR) में गलत जानकारी दे देते हैं, जिसकी वजह से उनके लिए परेशानी खड़ी हो जाती है. जो टैक्सपेयर्स गलत जानकारी देते हैं, उनको इनकम टैक्स विभिन्न एक्ट के तहत नोटिस भेज सकता है. इनकम टैक्स रिटर्न्स की जांच दो तरह से होती है. पहला कंपल्सरी और दूसरा मैनुअल. लेकिन आप कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए इससे खुद को बचा सकते हैं.
ITR फाइल नहीं करना -(Not filing ITR)
जो टैक्सपेयर्स आईटीआर दाखिल नहीं करते,उनको भी इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेजता है. इनकम टैक्स स्लैब में आने वाले लोगों के लिए आईटीआर भरना अनिवार्य (Mandatory to fill ITR) है. भारतीय नागरिक होने के बावजूद अगर आपकी संपत्ति विदेश में है तब भी आपके लिए आईटीआर भरना अनिवार्य है. नहीं भरने पर इनकम टैक्स का नोट घर आ सकता है.
टीडीएस में गलतियां-(TDS mistakes)
कई बार लोग टीडीएस भरते वक्त भी गलतियां कर बैठते हैं. भरे हुए टीडीएस और जमा हुए टीडीएस में फर्क हो तो भी नोटिस घर पर आ सकता है. इसलिए आपका टीडीएस कितना कटा है, यह आईटीआर भरने से पहले जरूर मालूम कर लें.
अघोषित आय-(unaccounted income)
आईटीआर में आपको यह बताना होता है कि एक वित्त वर्ष में आपकी कमाई कितनी है. इसके अलावा इन्वेस्टमेंट के बारे में भी बताना होता है. अगर निवेश से आपको कमाई होती है और आप उसका खुलासा नहीं करते हैं तो उस स्थिति में भी इनकम टैक्स वाले आपको नोटिस भेज सकते हैं. इससे बचने के लिए आप बैंक से इंटरेस्ट की स्टेटमेंट हासिल कर उसको आईटीआर में डाल सकते हैं. इसके अलावा अन्य स्रोत से जो आय हासिल हो रही है, उसकी जानकारी भी जरूर दें.
आईटीआर में गलती-(ITR mistake)
कई बार लोग जल्दबाजी में आईटीआर भरते वक्त गलतियां कर बैठते हैं और कुछ जरूरी चीजें भरना भूल जाते हैं. ऐसी स्थिति में भी घर पर नोटिस आ सकता है.
हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन्स-(High Value Transactions)
अगर ज्यादा बड़ा लेनदेन करते हैं, जो आपके आम लेनदेन से इतर है तो भी नोटिस मिल सकता है. उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये है और आपके खाते में एक साल में 12 लाख रुपये जमा हुए तो आयकर विभाग इसकी इन्वेस्टिगेशन कर सकता है या इनकम का सोर्स पूछा जा सकता है.
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