राज्य के एसडीआरएफ विभाग (SDRF Department) के एक अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों में बिजली कड़कने से हुई मौतों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जा सके।
झारखंड के विभिन्न इलाकों में बिजली गिरने से बीते दो दिनों में 12 लोगों की मौत हो गई है। धनबाद जिले के बरवद्दा इलाके में बिजली गिरने से एक महिला और उसकी बेटी की मौत हो गई। वहीं जमशेदपुर के बाहरागोरा इलाके और गुमला जिले के चिरोदिह इलाके में भी बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। झारखंड सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपए बतौर मुआवजा देने का एलान किया है।
झारखंड के इन जिलों में हुईं मौतें
झारखंड के लोहरदगा में एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। गुरुवार को भी अलग अलग घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई थी। इनमें चतरा, हजारीबाग, रांची, बोकारो और खूंटी जिले में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। वहीं पलामू के हुसैनाबाद में दो लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई। राज्य के एसडीआरएफ विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी जिलों में बिजली कड़कने से हुई मौतों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जा सके।
टर्फ लाइन के गुजरने के चलते कड़की बिजली
बता दें कि बीते दो दिनों से झारखंड में तेज हवाएं चल रही हैं और बारिश हो रही है। इसके चलते कई जगह पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं। शुक्रवार को जमशेदपुर में 79 एमएम बारिश हुई। वहीं बोकारो में 52 एमएम, रांची में 5.9 एमएम बारिश हुई। रांची मौसम विभाग के अधिकारी ने बताया कि उत्तरी बिहार और उत्तरी ओडिशा से और हरियाणा से सिक्किम के बीच दो टर्फ लाइनों के गुजरने से झारखंड में बिजली कड़कने की घटना हुईं।
शनिवार से मौसम बेहतर हुआ है और बारिश भी कम हुई है। हालांकि पश्चिमी और केंद्रीय जगहों पर हल्की बारिश की संभावना है। बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है लेकिन 28 मई से फिर से तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी।
क्यों गिरती है बिजली?
आसमान में जब धनात्मक और ऋणात्मक आवेशित बादल टकराते हैं तो इससे बिजली चमकती है। इससे दोनों बादलों के बीच हवा में विद्युत प्रवाह गतिमान हो जाता है और विद्युत धारा प्रवाहित होने से रोशनी की तेज चमक पैदा होती है। जहां बादलों की श्रृंखला या ट्रफ लाइन होती है, वहां बिजली गिरने की ज्यादा आशंका होती है।
बिजली कड़कने की स्थिति में खुले स्थान में ना रहें और पक्के मकान में शरण लें। लोहे के पिलर और पुल के आसपास कतई ना जाएं। ऊंची इमारतों की छत पर ना जाएं क्योंकि वहां बिजली गिरने की ज्यादा आशंका होती है। तालाब, जलाश्यों और स्वीमिंग पूल से दूरी बनाकर रखें।
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