राहुल कुमार ने बताया कि 2015 में मैट्रिक करने के बाद बालिका विद्या मंदिर से इंटर की पढ़ाई की. वर्ष 2017 में शाकावा फाउंडेशन की ओर से स्कॉलरशिप हासिल कर आगरा स्थित हेरिटेज कॉलेज से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया. इसके बाद मस्कट और मलेशिया जैसे देशों में ट्रेनिंग ली. इसके बाद क्रूज कंपनी में अप्लाई किया और ईश्वर की कृपा से नौकरी मिल गई. सालाना 8 लाख के पैकेज पर नौकरी मिली है.
कहते हैं मन में कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो माहौल या संसाधन आड़े नहीं आती है. किसी ना किसी तरह राह बन ही जाते हैं. धनबाद के झरिया स्थित कुष्ठ कॉलोनी के जितेन्द्र मालाकार के बेटे राहुल कुमार ने इसी सही साबित किया कर दिखाया है. राहुल को अमेरिका की क्रूज कंपनी में नौकरी मिली है. कुष्ठ कॉलोनी में रहने वालों को दूसरी निगाह से देखी जाती है. लेकिन राहुल ने विपरित परिस्थिति में भी मुकाम हासिल कर मिशाल पेश की है.
झरिया चार नंबर मोड़ स्थित आशा विहार कुष्ठ कॉलोनी के रहनेवाले राहुल के पिता जितेन्द्र मालाकार कैटरिंग स्टाफ हैं और माता पिंकी देवी गृहिणी है. जितेन्द्र मालाकार ने बताया कि उनका परिवार जिस माहौल में रहता है. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसे माहौल से कभी बाहर निकल सकेंगे.
लेकिन बेटे ने ऐसा कर दिया है. यह दूसरों के लिए प्रेरणा की तरह है. हमारी क्षमता नहीं थी बेटे को पढ़ाने की. लेकिन बेटे ने स्कॉलरशिप लेकर पढ़ाई की और परिवार सहित पूरे मोहल्ला में एक नई आशा बंधी है.सालाना 8 लाख के पैकेज पर नौकरी मिली
वहीं, राहुल कुमार ने बताया कि 2015 में मैट्रिक करने के बाद बालिका विद्या मंदिर से इंटर की पढ़ाई की. वर्ष 2017 में शाकावा फाउंडेशन की ओर से स्कॉलरशिप हासिल कर आगरा स्थित हेरिटेज कॉलेज से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया. इसके बाद मस्कट और मलेशिया जैसे देशों में ट्रेनिंग ली.
इसके बाद क्रूज कंपनी में अप्लाई किया और ईश्वर की कृपा से नौकरी मिल गई. सालाना 8 लाख के पैकेज पर नौकरी मिली है. बता दें कि राहुल जिस परिवेश में पला पढ़ा है. वहां सभी परिवार गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर रहे हैं. इस माहौल से निकल कर अमेरिका तक का सफल किसी चमत्कार से कम नहीं है. राहुल की इस कामयाबी से मोहल्ले में खुशी का माहौल है.
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