Ranchi News: झारखंड में सामान्य मोटापा महज 11.6 प्रतिशत और पेट का मोटापा 18.4 प्रतिशत लोगों में ही है. इसी तरह, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया महज 4.6 प्रतिशत लोगों में ही पाया गया.
Jharkhand News: आजकल के बदलते जीवनशैली से मोटापा (Obesity), उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) आदि बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. बता दें कि, इन बढ़ती बीमारियों के बीच झारखंड के लिए राहत की खबर है. दरअसल, सामान्य मोटापा, पेट का मोटापा, उच्च रक्त कोलेस्ट्रॉल आदि में झारखंड पूरे देश में सबसे कम जोखिम वाला राज्य है. बता दें कि, झारखंड में सबसे कम लोग इसकी चपेट में हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर, मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर ये बातें सामने आई है.
झारखंड में सामान्य मोटापा महज 11.6%
इस रिपोर्ट के अनुसार, हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में भी झारखंड सबसे कम जोखिम वाला राज्य है. अध्ययन में भारत में 28.6 प्रतिशत सामान्य मोटापा, 39.5 प्रतिशत पेट का मोटापा और 24 प्रतिशत हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का प्रसार नोट किया गया है. वहीं झारखंड में सामान्य मोटापा महज 11.6 प्रतिशत और पेट का मोटापा 18.4 प्रतिशत लोगों में ही है. इसी तरह, हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया महज 4.6 प्रतिशत लोगों में ही पाया गया. जीवन शैली से जुड़ी इन चारों बीमारियों में मोटापा से संबंधित दोनों बीमारियों का का प्रसार सबसे अधिक पुडुचेरी में है. वहीं हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया का प्रसार सबसे अधिक केरल में है. हाई एलडीएल कोलेस्ट्रॉलकी समस्या सबसे कम 3.2 प्रतिशत झारखंड में है, जबकि यह भी सबसे अधिक केरल में है.
24% भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित
अध्ययन में यह बात सामने आई कि भारत में 11.4 प्रतिशत मधुमेह, 15.3 प्रतिशत पूर्व-मधुमेह, 35.5 प्रतिशत उच्च रक्तचाप का प्रसार है. इन तीनों बीमारियों का उच्चतम प्रसार गोवा, सिक्किम और पंजाब में पाया गया. दरअसल, आईसीएमआर-आइएनडीआइएबी राष्ट्रीय क्रॉस-सेक्शनल स्टडी शीर्षक वाले इस अध्ययन में पाया गया कि भारत में सामान्य तौर पर मोटापा और पेट के मोटापे की व्यापकता 28.6 और 39.5 प्रतिशत थी.
इस तरह भारत में सामान्य मोटापे की अपेक्षा पेट के मोटापे का जोखिम अधिक है. यही स्थिति झारखंड में भी है. अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार 24 प्रतिशत भारतीय हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से पीड़ित हैं. बता दें कि यह स्वास्थ्य की एक ऐसी स्थिति जिसमें वसा धमनियों में इकट्ठा होती है और व्यक्तियों को दिल के दौरे और स्ट्रोक के अधिक जोखिम में डालती है. जबकि 15.3 प्रतिशत लोगों को प्री-डायबिटीज है.
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