Hemant Soren Government: हेमंत सोरेन सरकार 3 जुलाई को अपनी कैबिनेट में मंत्री के तौर पर बेबी देवी को शामिल करेंगे. डुमरी विधानसभा उपचुनाव से अब बेबी देवी मंत्री बनने के बाद चुनाव लड़ेंगी जो कि दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो की पत्नी हैं.
झारखंड के पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत जगरनाथ महतो की पत्नी बेबी देवी हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनेंगी. बेबी देवी ने झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मुलाकात की थी उसी समय से कयास लगाए जाने लगे थे लेकिन इस मुलाकात के बाद से सियासी गलियारों में बेबी देवी को मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज हो गई है.
मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बहुत जल्द जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई सीट पर नए मंत्री के नाम की घोषणा करने वाले हैं.
चूकि जगरनाथ महतो के निधन से डुमरी विधानसभा सीट खाली हो गई तो संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक 6 महीने के भीतर वहां उपचुनाव होना है. ऐसे में संभावना है कि सितंबर में डुमरी में उपचुनाव हो. वहीं उपचुनाव से पहले बेबी देवी या अखिलेश महतो में से किसी को मंत्री बनाकर मुख्यमंत्री बड़ा दांव खेल सकते हैं. चर्चा है कि जनता की सहानुभूति के नजरिए से बेबी देवी को ही मंत्री पद दिया जा सकता है.
बता दें कि, इससे पहले मधुपुर उपचुनाव में भी ऐसा हो चुका है. तब प्रदेश के तात्कालीन अल्पसंख्यक, युवा, खेल, संस्कृति और पर्यटन विभाग के मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल हसन अंसारी को चुनाव पूर्व मंत्री बनाया गया और फिर उन्होंने जीत भी दर्ज की.
स्थानीय नियोजन नीति को लेकर अभी झारखंड प्रदेश में 6040 मामले सुर्खियों में है. जयराम महतो डुमरी विधानसभा में अपना भाग्य आजमाना चाह रहे हैं वहीं जगन्नाथ महतो की पत्नी बेबी देवी को मंत्री बनाकर उस क्षेत्र में महत्त्व समाज पर ही अपना निशाना साधा है. बता दें कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में डुमरी सीट महत्वपूर्ण स्थान रखती है. यह इलाका शुरुआत से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता रहा है.
इधर 2005 के प्रथम विधानसभा चुनाव में झामुमो के जगरनाथ महतो ने जीत हासिल की थी. इसके बाद के 2009 और 2014 के चुनाव में भी झामुमो के महतो ने जीत हासिल की. वो इस सीट पर लगातार तीसरी बार विधायक बनने वाले इकलौते नेता बने.
आपको बता दें कि महतो समाज की आबादी राज्य में करीब 14 फीसदी है, लेकिन झामुमो जिस सामाजिक गठबंधन पर सियासत कर रहा है उसमें महतो समाज के अलावा मांझी और मुस्लिम समाज का भी बड़ा हाथ है. ऐसे में कैबिनेट में महतो, मांझी या मुस्लिम चेहरे में से किसी की इंट्री की संभावना बढ़ गई है.