शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 50 की जगह 100 सीटों पर नामांकन लिया जाना है. इस साल 50 सीटें एमबीबीएस में बढ़ा दी गई हैं. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन इसके लिए लगातार कई सालों से प्रयासरत थी. एमबीबीएस में नामांकन लेने वाले छात्रों को गांव के एक परिवार को भी गोद लेना पड़ेगा.
छात्र अब करेंगे ये काम: छात्र जिस परिवार को गोद लेंगे, उस परिवार के सभी सदस्यों को बीमारी से बचाने की जिम्मेदारी उस छात्र पर होगी. परिवार के सदस्यों की देखभाल के साथ उन्हें बीमारी के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी भी छात्रों के कंधों पर होगी. नेशनल मेडिकल काउंसिल ने फैमिली ऐडक्शन प्रोग्राम के तहत नए सत्र 2023-27 में नामांकन लेने वाले छात्रों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है.
प्रिंसिपल ने क्या कहा: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ ज्योति रंजन ने बताया कि इस बार एमबीबीएस की 100 सीटों पर नामांकन लिया जाना है. नामांकन लेने वाले छात्रों को गांव के एक परिवार को गोद लेना अनिवार्य है. छात्र उस गांव में जाकर विजिट करेंगे. गोद लेने वाले परिवार के साथ उनका परस्पर संबंध बना रहेगा. स्वास्थ संबंधी समस्या होने पर उन्हें दूर करने का काम जिम्मेदार छात्र करेंगे.
100 छात्र 100 परिवार: छात्रों को गांव भेजा जाएगा. छात्रों के साथ टीचर भी मौजूद रहेंगे. शहरी क्षेत्र को छोड़ ग्रामीण क्षेत्र के गांव के परिवार को गोद लेने की बात प्रिंसिपल ने कही है. उन्होंने कहा कि गोद लिए गए परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करना छात्रों की एक तरह से ड्यूटी रहेगी. प्रिंसिपल ने बताया कि 100 एमबीबीएस छात्रों को 100 परिवारों को गोद लेना है.