लंबे समय से साइकिल की प्रतीक्षा कर रहे कल्याण विभाग के स्कूलों के विद्यार्थियों को अब राज्य सरकार उनके एकांउट में पैसा मुहैया कराने की तैयारी में है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक एवं कल्याण विभाग के कामकाज की बुधवार शाम समीक्षा करते हुए ये निर्देश दिए हैं.
विभागीय मंत्री चंपई सोरेन की मौजूदगी में झारखंड मंत्रालय में हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में लगभग 15 लाख विद्यार्थियों के बीच साइकिल वितरण किया जाना है. यह काफी चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में साइकिल की बजाए विद्यार्थियों या उनके अभिभावकों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से साइकिल के लिए जो राशि आवंटित है, उसे डालने की कार्य योजना पर कार्य करें.
जिससे विद्यार्थियों को तय समय सीमा में इसका लाभ मिल सके.राज्य के सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले एसटी, एससी, ओबीसी और ओबीसी वर्ग के छात्र छात्राओं को कल्याण विभाग द्वारा निशुल्क साइकिल दी जाती है. इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 के बाद से अब तक साइकिल वितरण नहीं किया जा सका है.
इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के द्वारा जो भी योजनाएं चलाई जा रही हैं उनका लाभ जनता को हर हाल में दिलाना सुनिश्चित करें. आदिवासी, दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों के विकास पर सरकार विशेष जोर दे रही है. ऐसे में इनके लिए चलाई जा रही योजना का क्रियान्वयन शत प्रतिशत हो इसे सुनिश्चित किया जाए.
समीक्षा बैठक में इन योजनाओं पर हुई चर्चाः रांची में समीक्षा बैठक के दौरान विभाग के द्वारा चलाए जा रहे साइकिल वितरण योजना, एकलव्य आश्रम विद्यालय छात्रावासों का जीर्णोद्धार, कल्याण अस्पतालों की स्थिति और छात्रवृत्ति योजना की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने छात्रावासों का पूर्ण रूप से जीर्णोद्धार करने का निर्देश देते हुए कहा कि जो छात्रावास पूरी तरह से जर्जर है उसे तोड़कर उसी जगह नए छात्रावास का निर्माण कराए जाएं. छात्रावासों में बिजली, पानी जैसी सभी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराए जाएं. एकलव्य और आश्रम विद्यालय को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की तर्ज पर चलाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करें.
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