Tuesday, November 5, 2024
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Ration Card होल्डर के लिए बुरी खबर! मोदी सरकार ने लगाई रोक…जाने पूरा

FCI: केंद्र की तरफ से इस फैसले के बारे में कर्नाटक सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया था. कर्नाटक ने जुलाई महीने के लिए बिना ई-नीलामी के ओएमएसएस (OMSS) के तहत अपनी योजना के लिए 3,400 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल की दर से 13,819 टन चावल मांगा था.

Food Corporation of India: अगर आप भी केंद्र और राज्‍य सरकार की तरफ से चलाई जा रही मुफ्त राशन योजना का फायदा उठा रहे हैं तो यह खबर आपके ल‍िए है. केंद्र सरकार की तरफ से राशन को लेकर जारी नए अपडेट के बारे में आपको पता होना चाह‍िए. जी हां, नए अपडेट के तहत केंद्र सरकार ने ओपन मार्केट सेल स्‍कीम (OMSS) के तहत सेंट्रल पूल से राज्य सरकारों को चावल और गेहूं की बिक्री रोक दी है. इस कदम से गरीबों को मुफ्त अनाज देने वाले कर्नाटक समेत कुछ राज्यों पर असर पड़ेगा.

कर्नाटक सरकार को पहले ही अवगत कराया गया

हालांकि केंद्र की तरफ से इस फैसले के बारे में कर्नाटक सरकार को पहले ही अवगत करा दिया गया था. कर्नाटक ने जुलाई महीने के लिए बिना ई-नीलामी के ओएमएसएस (OMSS) के तहत अपनी योजना के लिए 3,400 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल की दर से 13,819 टन चावल मांगा था. भारतीय खाद्य निगम (FCI) की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, ‘राज्य सरकारों के लिए ओएमएसएस (घरेलू) के तहत गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी गई है.’

ऐसे राज्‍यों को म‍िलता रहेगा सस्‍ता अनाज

ओएमएसएस (OMSS) के तहत पूर्वोत्तर राज्यों, पहाड़ी राज्यों और प्राकृतिक आपदा से प्रभावित राज्यों के लिए 3,400 रुपये प्रति क्‍व‍िंटल के ह‍िसाब से बिक्री जारी रहेगी. एफसीआई (FCI) बाजार की कीमतों को कम करने के लिए जरूरत के अनुसार केंद्रीय पूल स्टॉक से ओएमएसएस (OMSS) के तहत निजी कारोबारियों को चावल दे सकती है. 12 जून को केंद्र ने 31 मार्च, 2024 तक गेहूं पर स्टॉक सीमा लगाते हुए खुले बाजार की कीमत को कम करने के लिए ओएमएसएस के तहत चावल-गेहूं को जारी करने की घोषणा की थी.

आपको बता दें सरकार ने ई-नीलामी के जरिये आटा मिलों, निजी व्यापारियों और गेहूं उत्पादों के निर्माताओं के ल‍िए केंद्रीय पूल से ओएमएसएस के तहत 15 लाख टन गेहूं की बिक्री करने की घोषणा की थी. हालांकि, ओएमएसएस के तहत बिक्री के लिए इन व्यापारियों के लिए चावल की मात्रा तय नहीं की गई थी. केंद्र सरकार 26 जनवरी को 2023 के लिए ओएमएसएस नीति लेकर आई थी. इसके तहत राज्यों को ई-नीलामी में भाग लिए बिना अपनी योजनाओं के लिए एफसीआई (FCI) से चावल और गेहूं दोनों खरीदने की अनुमति दी गई थी.

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Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap
Bhupendra Pratap, has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done BA in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @jharkhandbreakingnews@gmail.com
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