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Bank Locker Rules | बैंक में लॉकर लेने वालों के लिए बड़ी खबर,RBI ने जारी की गाइडलाइन..जानना जरूरी है

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Bank Locker Rules | बैंक में लॉकर लेने वालों के लिए बड़ी खबर, RBI ने जारी की गाइडलाइन.....जानना जरूरी है

Bank Locker Rules: अगर आपका भी बैंक में लॉकर है तो ये खबर आपको जरूर पढ़ लेनी चाहिए। दरअसल बैंकों ने लॉकर वाले ग्राहकों लिए एक जरूरी अपडेट जारी किया है…

बैंक, ग्राहकों की सुविधा के लिए मूल्यवान या महंगी वस्तुएं घर पर रखने की बजाए बैंक में सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की सुविधा देते हैं। यदि आप देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहक हैं, तो आपको पिछले कुछ दिनों में रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट पर साइन करने का आग्रह करने वाले मैसेज आए होंगे।

एसबीआई (sbi) की तरह, बैंक ऑफ बड़ौदा भी 30 जून, 2023 तक रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए अपनी शाखाओं में लॉकर रखने वाले ग्राहकों को आग्रह कर रहा है। जल्द ही, बाकी के सभी बैंक अपने ग्राहकों को ऐसा करने के लिए मैसेज भेजेंगे।

लॉकर को लेकर RBI का क्या है निर्देश-

केंद्रीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने जनवरी 2023 में बैंकों के लिए लॉकर एग्रीमेंट के नवीनीकरण की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से 31 दिसंबर, 2023 तक पूरा करने की समय सीमा बढ़ा दी थी।

30 जून 2023 तक 50 प्रतिशत एग्रीमेंट के नवीनीकरण के पहले आंकड़े को पूरा करने के लिए बैंकों के पास अब सिर्फ एक महीने का वक्त बचा है। वहीं, बैंकों का दूसरा टारगेट 30 सितंबर 2023 तक 75 प्रतिशत एग्रीमेंट का नवीनीकरण करना है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश-

बैंको को रिवाइज्ड लॉकर एग्रीमेंट पर साइन करवाने का आरबीआई का यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आया है। फरवरी 2021 के सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को आदेश की तारीख से छह महीने के भीतर लॉकर प्रबंधन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया था।

1 जनवरी 2023 तक पूरी होनी थी प्रक्रिया-

आरबीआई के नए लॉकर नियम के तहत बैंको ने नए लॉकर ग्राहक 1 जनवरी 2022 तक इस नियम में शामिल हो गए हैं लेकिन मौजूदा ग्राहकों के लिए, बैंकों को 1 जनवरी, 2023 तक प्रक्रिया पूरी करनी थी जिसकी तारिख को अब इस साल के आखिरी दिन यानी 31 दिसंबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। ऐसे में आपको 5 चीजें जो लॉकर साइन करने से पहले जान लेना चाहिए।

स्टैंप पेपर पर समझौता-

आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक, एग्रीमेंट स्टैंप पेपर पर होना चाहिए, जो बैंकों को फ्री देना होता है। संशोधित समझौते का प्राथमिक उद्देश्य लॉकर धारकों के हितों की रक्षा करना है।

लॉकर के लिए एफडी-

आरबीआई ने बैंकों को यह कहा है कि बैंको तीन साल या उससे उपर के एफडी पर लॉकर चार्ज का किराया नहीं लेंगे। कई बार जब ग्राहक लॉकर का एक्सेस नहीं कर पाते तो बैंक उस लॉकर का किराया एफडी के पैसे से वसूलता है, लेकिन तब भी बैंक लॉकर को नहीं खोल सकता है क्योंकि बैंक को ग्राहक की तरफ से एफडी के रूप में किराया मिल रहा है।

बैंको की लायब्लिटी नहीं-

बैंक बारिश, बाढ़, भूकंप, बिजली गिरने, नागरिक गड़बड़ी, दंगे, आतंकवादी हमले या ग्राहक की लापरवाही के कारण लॉकर की सामग्री के खराब होने या क्षति होने पर बैंक उत्तरदायी नहीं होगा।

इस स्थिति में बैंक देगा मुआवजा-

आग, चोरी, सेंधमारी, डकैती, इमारत गिरने, बैंक द्वारा लापरवाही, या बैंक के कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी गतिविधि जैसी घटनाओं के मामले में बैंक को लॉकर धारक को मुआवजा देना होगा। बैंक की देनदारी सुरक्षित जमा लॉकर के मौजूदा सालाना किराए के 100 गुना के बराबर होगी।

फोन पर अलर्ट की सुविधा-

बैंक के साथ अपनी ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर को जरूर पंजीकृत करें। बैंक लॉकर संचालन की तारीख और समय की सूचना देने के लिए ग्राहक को एक ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजेंगे। बैंक अनधिकृत लॉकर एक्सेस के लिए निवारण तंत्र भी प्रदान करेंगे।

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