Millets: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Tomar) ने मंगलवार को कहा कि मोटे अनाज के पोषण गुणों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने से इसकी मांग बढ़ेगी, जिससे उनकी खेती लाभदायक होगी.
Millets: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Tomar) ने मंगलवार को कहा कि मोटे अनाज के पोषण गुणों के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने से इसकी मांग बढ़ेगी, जिससे उनकी खेती लाभदायक होगी. तोमर (Narendra Tomar) ने मोटे अनाज के पोषण गुणों के बारे में दुनिया को समझाने और वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में भी बात की है.
केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी -(Union Minister gave information)
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारी थाली में मोटे अनाज को सम्मानजनक स्थान देने के लिए यह सब जरूरी था.’’ तोमर ने यहां चार दिन के श्री अन्न महोत्सव के समापन दिवस को संबोधित किया. महोत्सव का आयोजन वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाने के लिए किया गया था. इस तरह के आयोजनों से लोग मोटे अनाज के स्वास्थ्य संबंधी लाभों के बारे में जानेंगे और उनकी मांग बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जब इसकी (मोटे अनाज की) मांग बढ़ेगी तो किसान मोटे अनाज उगाएंगे और मुनाफा कमाएंगे.
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पतंजलि से एमडी ने दी जानकारी-(MD gave information from Patanjali)
पतंजलि के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि उत्तराखंड हमेशा से मोटे अनाज के उत्पादन का प्रमुख केन्द्र रहा है. यह आयोजन मोटे अनाज उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा.
कृषि विभाग के निदेशक ने दी जानकारी-(Director of Agriculture Department gave information)
कृषि (लागत) विभाग के संयुक्त निदेशक, ए एस रीन ने कहा, 2023 मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष है. जम्मू संभाग के 10 जिलों में कृषि विभाग ने मोटे अनाज के उत्पादन के लिए 1,400 हेक्टेयर क्षेत्र निर्धारित किया है. हमारे पास मोटे अनाज की सात अलग-अलग किस्में हैं. हम किसानों को लगभग 100 फीसदी सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराने जा रहे हैं.
मिलेट्स ईयर हुआ घोषित-(Millets year declared)
भारत के ही प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर घोषित किया है. लिहाजा भारत की भूमिका इसमें सर्वाधिक अहम हो जाती है. भारत का प्रयास भी यही है कि वह इस मामले में अगुआ बनकर उभरे. बजट में अब तक कदन्न माने जाने वाले मोटे अनाजों को श्रीअन्न का दर्जा देकर और इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जैसी घोषणाएं इसका प्रमाण हैं.
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