हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने एक्शन तेज कर दिया है। एजेंसी ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में हजारीबाग कोर्ट का कर्मचारी भी शामिल है।
पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े जमीन घोटाले में ईडी ने एक बार फिर कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में हजारीबाग कोर्ट के कर्मचारी मो इरशाद के साथ-साथ कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मचारी तापस घोष और संजीत कुमार शामिल हैं। ईडी ने इन तीनों को समन किया था, जिस पर वे लोग गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी के रांची जोनल ऑफिस में पहुंचे थे। यहां ईडी ने तीनों से कई घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि हजारीबाग कोर्ट का कर्मचारी मो इरशाद फर्जी डीड लिखता था। इसके एवज में उसने जमीन फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड अफसर अली और सद्दाम से आठ लाख रुपए लिए थे। अनुसंधान में यह भी खुलासा हुआ है कि कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मचारी तापस घोष और संजीत कुमार कोलकाता कार्यालय के जमीन रिकॉर्ड से पेपर गायब करते थे।
इसके बाद गायब किए गए पेपर अफसर अली और सद्दाम को उपलब्ध कराते थे। इसके बाद इन पेपर पर मो इरशाद फर्जी डीड तैयार करता था। ईडी की जांच में पता चला कि तापस घोष ने कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस से कागजात गायब कर उपलब्ध कराने के बदले 21 लाख रुपए, जबकि संजीत कुमार ने 8 लाख रुपए मो सद्दाम से लिए थे।
ईडी ने अपनी जांच में पाया है कि हजारीबाग कोर्ट का कर्मचारी मो इरशाद फर्जी डीड लिखता था। इसके एवज में उसने जमीन फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड अफसर अली और सद्दाम से आठ लाख रुपए लिए थे। अनुसंधान में यह भी खुलासा हुआ है कि कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मचारी तापस घोष और संजीत कुमार कोलकाता कार्यालय के जमीन रिकॉर्ड से पेपर गायब करते थे।
इसके बाद गायब किए गए पेपर अफसर अली और सद्दाम को उपलब्ध कराते थे। इसके बाद इन पेपर पर मो इरशाद फर्जी डीड तैयार करता था। ईडी की जांच में पता चला कि तापस घोष ने कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस से कागजात गायब कर उपलब्ध कराने के बदले 21 लाख रुपए, जबकि संजीत कुमार ने 8 लाख रुपए मो सद्दाम से लिए थे।