मौजूदा समय में ज्यादातर कर्मचारियों की पेंशन ईपीएस (eps) के 15,000 रुपये की सीमा पर कैलकुलेट की जाती है। यह कर्मचारी पेंशन योजना (eps), 1995 के तहत होता है। उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वाले अभिदाताओं की ईपीएफओ (EPFO) के फील्ड अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। नियोक्ता एवं कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र सही पाये जाने पर स्वीकृत किये जायेंगे
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन की गणना करने का एक तरीका पेश किया है। यह ईपीएफओ के उन अंशदाताओं पर लागू होगा जिन्होंने वास्तविक वेतन पर अधिक पेंशन के लिए आवेदन किया है। मौजूदा समय में ज्यादातर कर्मचारियों की पेंशन ईपीएस के 15,000 रुपये की सीमा पर कैलकुलेट की जाती है। यह कर्मचारी पेंशन योजना (eps), 1995 के तहत होता है। उच्च पेंशन के लिए आवेदन करने वाले अभिदाताओं की ईपीएफओ के फील्ड अधिकारियों द्वारा जांच की जाएगी। नियोक्ताओं एवं कर्मचारियों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों के सही पाये जाने पर उन्हें स्वीकृत किया जायेगा।
ऐसे होगी पेंशन की गणना
जो 1 सितंबर, 2014 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं, उनकी पेंशन की गणना सेवानिवृत्ति से 12 महीने पहले के औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी। इस तिथि के बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के लिए, उनकी पेंशन की गणना सेवानिवृत्ति से पहले के 60 महीनों के औसत मासिक वेतन के आधार पर की जाएगी। अब इसकी गणना का एक सूत्र है। पेंशन = पेंशन योग्य वेतन (पिछले 60 महीनों के वेतन का औसत) X योगदान के वर्षों की संख्या / 70।
आप 26 जून तक आवेदन कर सकते हैं
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 के अपने आदेश में ईपीएफओ (EPFO) को कर्मचारियों को अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने का मौका देने का आदेश दिया था। इसके लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 26 जून है। पहले यह तीन मई थी। इसे बढ़ाकर 26 जून किया गया था। इसके लिए कर्मचारी को आवेदन करना होगा। नियोक्ता इस आवेदन को स्वीकार करेगा। उसके बाद ईपीएफओ (EPFO) के फील्ड ऑफिसर इसकी जांच करेंगे। वे ईपीएफओ (EPFO) की वेबसाइट पर अपलोड किए गए डेटा और दस्तावेजों की भी जांच करेंगे। आवेदन मिलने के 20 दिन के अंदर उन्हें यह जांच पूरी करनी होगी।
कौन आवेदन कर सकता है
कर्मचारी जो 1 सितंबर, 2014 से पहले ईपीएफओ (EPFO) और ईपीएस के सदस्य थे और अभी भी सेवा में हैं लेकिन बढ़ी हुई पेंशन के लिए आवेदन करने का मौका चूक गए हैं, वे अब आवेदन कर सकते हैं। जो कर्मचारी इस तिथि से पहले सेवानिवृत्त हुए थे और उन्होंने उच्च पेंशन के लिए आवेदन किया था, उन्हें अपनी जानकारी सत्यापित करनी होगी।
गणना पद्धति में अंतर
अगर आप 15,000 रुपये की पूर्व-निर्धारित सीमा के बजाय अपने वास्तविक वेतन पर पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए ईपीएफओ (EPFO) के सदस्य पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। वर्तमान में पेंशन की गणना के लिए वेतन की 15,000 रुपये की सीमा का उपयोग किया जाता है। आपके नियोक्ता के योगदान में से 1,250 रुपये (15,000 रुपये का 8.33%) ईपीएस में जाता है। यह राशि उस पूल में जोड़ी जाती है जो कर्मचारी को नियमित पेंशन देने के लिए बनाया जाता है।
आप चाहें तो अपनी असल सैलरी का 8.33 फीसदी पेंशन पूल में डाल सकते हैं। इससे आपकी पेंशन बढ़ेगी। इसके अलावा आपके एंप्लॉयर का 1.16 फीसदी योगदान भी ईपीएस में जाएगा। बाकी 2.51 फीसदी आपके ईपीएफ में जाएगा।
अगर अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने के बाद आपको इसमें कोई गलती नजर आती है तो आप पुराने आवेदन को हटाकर दोबारा जमा कर सकते हैं। हालाँकि, यदि आपके नियोक्ता ने इसे मान्य कर दिया है तो आप फिर से आवेदन जमा नहीं कर पाएंगे।