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अच्छी खबर! क्रेडिट कार्ड ग्राहक अब अपनी मर्जी से चुन सकेंगे कार्ड नेटवर्क……जाने पूरी डिटेल्स

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अच्छी खबर! क्रेडिट कार्ड ग्राहक अब अपनी मर्जी से चुन सकेंगे कार्ड नेटवर्क......जाने पूरी डिटेल्स

क्रेडिट कार्ड नेटवर्क का Centralised communication सिस्टम हैं जिसका उपयोग बैंक और नॉन बैंक क्रेडिट कार्ड लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए करते हैं. आपकी ट्रांजेक्शन में मदद के अलावा ये कार्ड नेटवर्क यह निर्धारित करते हैं कि क्रेडिट कार्ड कहां स्वीकार किए जा सकते हैं और कहां पर नहीं.

क्रेडिट कार्ड का बिजनेस फलफूल रहा है. बैंक आमतौर पर कार्ड नेटवर्क के सहयोग से ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं. अगर किसी कस्टमर के पास बैंक द्वारा जारी किया गया क्रेडिट कार्ड है उसपर संबंधित बैंक का लोगो होगा, अगर किसी के कार्ड पर वीजा लिखा हुआ है तो इसे वीजा कार्ड ने जारी किया है.

ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) चाहता है कि क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी कस्टमर को किसी नेटवर्क चुनने के लिए मजबूर करने के बजाय अपने मनचाहे कार्ड नेटवर्क को चुनने की इजाजत दें.

प्रस्ताव में क्या शामिल है?

केंद्रीय बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि कार्ड जारी करने वाले बैंक अपने कस्टमर को कई कार्ड नेटवर्क में से किसी एक को चुनने का विकल्प दें. बैंकों को जारी एक ड्राफ्ट सर्कुलर में आरबीआई ने कहा कि ग्राहक इस विकल्प का इस्तेमाल या तो कार्ड इश्यू कराने के समय या उसके बाद भी कर सकते हैं.

आरबीआई (RBI) ने कहा है कि कार्ड जारी करने वाले बैंक या फाइनेंस कंपनी को कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसा कोई समझौता नहीं करना चाहिए जो उन्हें दूसरे कार्ड नेटवर्क का लाभ लेने से रोकता हो. बैंकों को एक से ज्यादा कार्ड नेटवर्क पर कार्ड इश्यू करना चाहिए. कार्ड जारी करने वाले बैंक या नॉन बैंक के लिए एक कार्ड नेटवर्क से ज्यादा नेटवर्क के कार्ड जारी करने का नियम और ग्राहकों को मल्टीपल कार्ड नेटवर्क्स में से किसी एक को चुनने के विकल्प का आदेश एक अक्टूबर 2023 से लागू हो जाएगा.

कार्ड नेटवर्क अभी क्या करते हैं?

क्रेडिट कार्ड नेटवर्क का Centralised communication सिस्टम हैं जिसका उपयोग बैंक और नॉन बैंक क्रेडिट कार्ड लेनदेन को प्रोसेस करने के लिए करते हैं. आपकी ट्रांजेक्शन में मदद के अलावा ये कार्ड नेटवर्क यह निर्धारित करते हैं कि क्रेडिट कार्ड कहां स्वीकार किए जा सकते हैं और कहां पर नहीं. बैंक आमतौर पर कार्ड नेटवर्क के सहयोग से ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं.

प्रमुख क्रेडिट कार्ड नेटवर्क में वीज़ा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस और रुपे शामिल हैं. अब क्योंकि अमेरिकी वीजा और मास्टर कार्ड ही आमतौर पर कार्ड सुविधाएं उपलब्ध कराती है. इसलिए इनके नेटवर्क में रुपे कार्ड की एंट्री नहीं होती है. इसलिए रुपे कार्ड को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ये नियम लागू करने जा रहा है.

जब कोई ग्राहक खरीदारी करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है, तो टांजेक्शन रिक्वेस्ट क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता (credit card issuer) के पास जाता है. और वो फैसला लेता है कि इसे कार्ड नेटवर्क के नेटवर्क सिस्टम के जरिए ऑथराइज किया जाए या नहीं.

RBI कौन सा सिस्टम खत्म करना चाहता है?

कई बैंकों ने अपनी सेवाएं देने के लिए कार्ड नेटवर्क के साथ टाइअप किया है. इसके लिए कस्टमर की मर्जी नहीं देखी जाती है. भारत के दो प्रमुख प्राइवेट बैंकों में से एक का वीजा के साथ टाइअप है, वहीं दूसरा केवल मास्टरकार्ड का नेटवर्क ऑफर करता है.

ऐसे में कुछ बैंक कस्टमर्स से जबरदस्ती उस कार्ड नेटवर्क एक्सेप्ट करने के लिए कहते हैं. इसमें ग्राहकों के पास चुनने का ऑप्शन नहीं होता है. ऐसे में आरबीआई का मकसद कार्ड नेटवर्क की भूमिका मर्चेंट और कार्ड जारीकर्ताओं के बीच लेनदेन को सुविधाजनक बनाना है. कार्ड जारीकर्ता एक से अधिक कार्ड नेटवर्क पर कार्ड जारी करेंगे.

क्रेडिट कार्ड के आंकड़े

आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल 2023 तक बैंकों ने 8.65 करोड़ क्रेडिट कार्ड जारी किए हैं. मंथली क्रेडिट कार्ड पेमेंट अब हर महीने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का है. अप्रैल 2023 में कार्ड पेमेंट 1.32 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.

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