Nirmala Sitharaman: व्यक्तिगत करदाताओं के पास यह चुनने का विकल्प है कि वे छूट और कटौती की पेशकश करने वाली पुरानी कर व्यवस्था में बने रहना चाहते हैं या नई कर व्यवस्था का पालन करना चाहते हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
अगर आप भी नौकरी करते हैं तो यह खबर आपके काम की है। आयकर विभाग की ओर से नौकरीपेशा लोगों और कंपनियों के लिए नया आदेश जारी किया गया है।
आयकर विभाग की ओर से कहा गया कि नियोक्ता को मौजूदा वित्त वर्ष में कर्मचारियों से उनकी पसंदीदा कर व्यवस्था के बारे में पूछना होगा. इसके हिसाब से इनकम पर टैक्स डिडक्शन (TDS) करना होगा.
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व्यक्तिगत करदाता के पास चयन करने का विकल्प है-(Individual taxpayer has the option to choose)
आयकर विभाग की ओर से कहा गया था कि अगर कर्मचारी नियोक्ता को अपनी पसंद की कर व्यवस्था नहीं बता पाता है. ऐसे में नियोक्ता को आम बजट 2023-24 में घोषित नई कर व्यवस्था के अनुसार वेतन से टीडीएस काटना होगा। व्यक्तिगत करदाताओं के पास यह चुनने का विकल्प होता है कि वे छूट और कटौती की पेशकश करने वाली पुरानी कर व्यवस्था में बने रहना चाहते हैं या नई कर व्यवस्था का पालन करना चाहते हैं।
नई कर व्यवस्था में कोई छूट नहीं-(No exemption in new tax regime)
बता दें कि 1 फरवरी 2023 को पेश आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब को कम करने और इसे डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था बनाने की बात कही थी. नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स कम है लेकिन छूट नहीं है। पुरानी टैक्स व्यवस्था में आपको सभी सेक्शन के तहत टैक्स छूट मिलती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने चालू वित्त वर्ष में नियोक्ताओं द्वारा वेतन पर कर कटौती के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया। स्पष्टीकरण के अनुसार, नियोक्ता को अपने प्रत्येक कर्मचारी से उनकी पसंदीदा कर व्यवस्था के बारे में जानकारी लेनी होगी। साथ ही अपनाई गई कर व्यवस्था के अनुसार टीडीएस (TDS) की कटौती करनी होगी।