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HDFC बैंक ने लॉन्च किए दो नए FD प्लान, निवेश पर मिलेगा ज्यादा ब्याज….यहाँ जाने पूरी डिटेल्स

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HDFC बैंक ने लॉन्च किए दो नए FD प्लान, निवेश पर मिलेगा ज्यादा ब्याज....यहाँ जाने पूरी डिटेल्स

एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने दो नई FD स्कीम की शुरुआत की है. ये स्कीम्स सीमित समय तक के लिए निवेश करने के लिए ओपन रहेंगी. इसके अलावा बैंक ने अन्य अवधि की डिपॉजिट की दरों में भी बदलाव किया है.

देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंकों में से एक एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने सीमित समय के लिए दो स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान (Fixed Deposits Plan) लॉन्च किए हैं. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, नई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम 29 मई 2023 से शुरू हो चुकी हैं. बैंक ने 35 महीने और 55 महीने की अवधि के लिए दो FD प्लान लॉन्च किए हैं.

इनमें निवेश की राशि पर क्रमश 7.20 फीसदी और 7.25 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. वहीं, अगर सीनियर सिटीजन इन FD स्कीम्स में निवेश करते हैं, तो 0.50 फीसदी का अतिरिक्त ब्याज मिलेगा. हालांकि, ये FD स्कीम्स सीमित समय तक के लिए निवेश के लिए ओपन हैं.

दो नई FD स्कीम-(two new FD schemes)

बैंक के अनुसार, 35 महीने या 2 साल 11 महीने की अवधि वाली स्पेशल फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम पर निवेश करने वालों को 7.20 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. वहीं, 55 महीने या 4 साल 7 महीने की अवधि वाली स्पेशल एफडी पर 7.25 फीसदी की दर से बैंक ब्याज ऑफर कर रहा है. इसके अलावा एचडीएफसी बैंक ने एक साल 15 महीने से कम की अवधि की FD की ब्याज दरों में बदलाव किया है और इसे 6.6 फीसदी कर दिया है. वहीं, वरिष्ठ नागरिकों के लिए इंटरेस्ट रेट में बदलाव कर 7.1 फीसदी कर दिया है.

अन्य अवधि की डिपॉजिट की ब्याज दरों में बदलाव-(Change in interest rates for other term deposits)

इसी तरह 21 महीने से 2 साल के लिए ब्याज दर को बदलकर सात फीसदी कर दिया गया है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए दर को 7.5 फीसदी कर दिया गया है. आमतौर पर एचडीएफसी बैंक नियमित नागरिकों के लिए दो करोड़ रुपये से की फिक्सड डिपॉजिट पर तीन फीसदी से 7.10 फीसदी के बीच देता है. मैक्सिमम ब्याज दर 15 महीने से 18 महीने से कम की अवधि के लिए दी जाती है.

कैसे ब्याज की गणना करता है बैंक-(How does the bank calculate interest?)

एचडीएफसी बैंक एक वर्ष में वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर ब्याज की गणना करता है. यदि डिपॉजिट एक लीप और एक गैर-लीप वर्ष में है, तो ब्याज की गणना दिनों की संख्या के आधार पर की जाती है. यानी एक लीप वर्ष में 366 दिन और एक गैर-लीप वर्ष में 365 दिन होते हैं.

पिछले वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक ने लगातार रेपो रेट में इजाफा किया था. इसके बाद बैंकों ने भी अपनी FD स्कीम्स को आकर्षक बनाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी की. साथ ही बैंकों ने नई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स भी लॉन्च की थीं.

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