झारखंड के अंगीभूत और डिग्री संबद्ध कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई जारी रहेगी। बता दें कि पिछले दिनों प्रदेश के 62 अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करने का फैसला लिया गया था।
इससे 1 लाख से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था लेकिन अब शैक्षणिक सत्र 2023-25 के लिए 1 लाख 20 हजार विद्यार्थियों का दाखिला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद यह फैसला लिया गया है। बता दें कि पिछले निर्देश के बाद इंटर की पढ़ाई करने जा रहे छात्र चिंतित थे।
विभागीय स्तर पर किया गया है फैसला
झारखंड से स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव के रविकुमार ने कहा कि विभागीय स्तर पर फैसला किया गया है कि बच्चों के दाखिला में बाधा उत्पन्न नहीं होगी। इस पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने भी अपनी सहमति व्यक्त की है। गौरतलब है कि बुधवार को शिक्षा सचिव और झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अधिकारियों के बीच इस संबंध में लंबी वार्ता हुई थी।
बैठक के बाद यह ऐलान किया गया है कि यदि किसी जिले में 10वीं पास विद्यार्थियों को इंटरमीडिएट में दाखिला लेने में परेशानी हो तो वह अंगीभूत अथवा डिग्री संबद्ध कॉलेजों में दाखिला ले सकते हैं। बता दें कि इस वर्ष 10वीं की परीक्षा में 4 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पास हुए हैं। अंगीभूत कॉलेजों को लेकर आए फैसले के बाद दाखिला लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अब राहत मिली है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव को दिया था निर्देश
दरअसल, अंगीभूत कॉलेजों और डिग्री संबद्ध कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को लेकर उत्पन्न हुई समस्या और इस पर छपी खबरों को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री ने शिक्षा सचिव और जैक बोर्ड को निर्देश दिया था कि बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि झारखंड में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को अलग करने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में 10वीं पास विद्यार्थियों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो रही थी।
गौरतलब है कि हालिया दिनों में ऐसी कई खबरें सामने आईं जिसमें 10वीं पास विद्यार्थी 11वीं में नामांकन को लेकर ऊहापोह की स्थिति में दिखे। विद्यार्थियों को अंगीभूत कॉलेजों में नामांकन में परेशानी हो रही थी। अखबारों में यह सुर्खियां भी बनी। ऐसे में मुख्यमंत्री ने संज्ञान में लेते हुए शिक्षा सचिव और जैक बोर्ड को हल निकालने को कहा है।