झारखंड के प्रारंभिक स्कूलों में 25,996 सहायक आचार्यों की नियुक्ति में अभी समय लग सकता है। अभी तक नियमावली में संशोधन नहीं हुआ है। ये प्रारंभिक स्कूलों में बहाल होंगे। विभागों की सहमति बाकी है।
झारखंड के प्रारंभिक स्कूलों में 25,996 सहायक आचार्यों की नियुक्ति में अभी समय लग सकता है। अभी तक नियमावली में संशोधन नहीं हुआ है। स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से नियमावली में संशोधन होने के बाद इसे मंजूरी के लिए कार्मिक विभाग और वित्त विभाग को भेजा जाएगा। झारखंड में 50 हजार सहायक आचार्यों की होनी है। नियुक्ति झारखंड में 50 हजार सहायक आचार्यों की नियुक्ति होनी है। ये प्रारंभिक स्कूलों में बहाल होंगे।
विभागों की सहमति नहीं मिली है
विभागों की सहमति मिलने के बाद इस पर कैबिनेट की मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद शिक्षा विभाग कार्मिक विभाग को 25,996 पदों पर नियुक्ति करने की अनुशंसा भेजेगा और फिर कार्मिक विभाग इस अनुशंसा की अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग को भेजेगा। अधियाचना आने के बाद ही जेएसएससी इसका विज्ञापन जारी करेगा। वर्तमान स्थिति देखने से जून से ही नियुक्ति प्रक्रिया के आवेदन लिये जाने का आसार लग रहे हैं।
दो चरणों में होगी सहायक आचार्य की नियुक्ति
पहले चरण में 25,996 और दूसरे चरण में 24,004 सहायक आचार्यों की नियुक्ति होगी। सहायक आचार्यों को 5200-20,200 का वेतनमान व 2400 व 2800 का ग्रेड पे दिया जाएगा। इस आधार पर उन्हें 26 हजार से 28 हजार रुपये हर महीने वेतन मिलेगा। पूर्व में सहायक शिक्षकों के पद पर नियुक्ति 9300-34,500 के वेतनमान और 4200 के ग्रेड पे पर होती थी। इससे उन्हें नियुक्ति के साथ 35 हजार से ज्यादा वेतन मिलता था। नई नियुक्ति प्रक्रिया में नियुक्त होने वाले शिक्षकों का वेतन उन तक पहुंचने में काफी समय लग सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत ने इसी माह की थी घोषणा
सीएम ने की थी इसी माह नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 मई को घोषणा की थी कि इसी महीने 25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वहीं, इस साल के अंत तक 24 हजार अन्य शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। झारखंड में करीब 1 लाख शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए तैयार है।
इसमें 2013 शिक्षक पात्रता परीक्षा के बचे हुए सफल 48 हजार और 2016 टेट परीक्षा के 53 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। 2016 टेट सफल अभ्यर्थियों को सात साल से कोई मौका नहीं मिला है, जबकि 2013 टेट वाले अभ्यर्थी 2015-16 की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो चुके हैं।
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