झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। दिल्ली प्रवास के दूसरे दिन बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं। दिल्ली प्रवास के दूसरे दिन बाबूलाल मरांडी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि दोनों दिग्गज नेताओं की इस शिष्टाचार मुलाकात में झारखंड की राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर चर्चा हुई। बाबूलाल मरांडी ने गृहमंत्री को झारखंड की मौजूदा सियासी हालात की जानकारी दी।
बाबूलाल मरांडी ने मुलाकात की तस्वीर ट्विटर में साझा करते हुए लिखा कि आज गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई। इस दौरान झारखंड के विकास के संदर्भ में विस्तृत चर्चा हुई। बता दें कि सोमवार को बाबूलाल मरांडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। इसकी भी तस्वीरें सामने आई थी।
कई बड़े नेताओं से बाबूलाल की मुलाकात संभव
बीजेपी ने 2024 को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए कई राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष बदले हैं। इसी क्रम में झारखंड में निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की जगह बाबूलाल मरांडी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया। प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद बाबूलाल मरांडी का यह पहला दिल्ली दौरा है। बाबूलाल मरांडी ने झारखंड बीजेपी के प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी से भी मुलाकात की।
बाबूलाल मरांडी को कमान सौंपना बीजेपी का दांव
गौरतलब है कि आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में झारखंड जैसे आदिवासी बहुल्य राज्य में पार्टी की कमान एक आदिवासी नेता को सौंपने का फैसला किया है। बाबूलाल मरांडी संताल आदिवासी समुदाय से आते हैं जिनकी आबादी झारखंड में काफी है।
बाबूलाल मरांडी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बीजेपी ने संताल परगना की 18 विधानसभा और 3 लोकसभा सीटों को साधने का प्रयास किया है। बाबूलाल मरांडी ना केवल आदिवासी बल्कि गैर-आदिवासी समुदाय के बीच भी अच्छी पकड़ रखते हैं।
झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यों की आज भी प्रशंसा होती है। यही नहीं, चूंकि बाबूलाल मरांडी वर्ष 2006 के बाद किसी सरकार का हिस्सा नहीं हैं इसलिए विपक्ष के पास उनपर हमला करने के लिए भ्रष्टाचार या प्रशासनिक अक्षमता जैसे मुद्दे भी नहीं होंगे।
बाबूलाल मरांडी वर्ष 2006 में बीजेपी से अलग हो गए थे। झाविमो का गठन किया था। फरवरी 2020 में झारखंड विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद अमित शाह की मौजूदगी में वह बीजेपी में शामिल हो गए। तब उन्हें विधायक दल का नेता बनाया गया था।
2019 के विधानसभा चुनाव में किया था निराश
2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी संताल परगना की किसी भी आरक्षित सीट पर खाता नहीं खोल पाई थी। पार्टी को चाईबासा और राजमहल जैसी आरक्षित लोकसभा सीटों पर भी हार का सामना करना पड़ा था।
विशेष तौर पर संताल परगना में खराब प्रदर्शन का खामियाजा बीजेपी को झारखंड में सत्ता गंवाने के रूप में भुगतना पड़ा था। ऐसे में बीजेपी इस बार आदिवासी वोटों के साथ रिस्क नहीं लेना चाहती।