Saturday, November 23, 2024
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Jharkhand Breaking News! राज्य से फाइलेरिया के शीघ्र उन्मूलन के लिए नौ जिलों में 10 अगस्त से 25 अगस्त तक मास ड्रग्स एडमिस्ट्रेशन अभियान चलाया जाएगा

राज्य से फाइलेरिया के शीघ्र उन्मूलन के लिए नौ जिलों में 10 अगस्त से 25 अगस्त तक मास ड्रग्स एडमिस्ट्रेशन अभियान चलाया जाएगा. झारखंड के इन जिलों में एमडीए कार्यक्रम चलाया जाएगा उसमें हजारीबाग, चतरा, पलामु, गोड्डा, दुमका, लातेहार, सरायकेला, जामताड़ा और पश्चिम सिंहभूम शामिल है. रांची के स्वास्थ्य मुख्यालय में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल पदाधिकारी डॉ. विरेन्द्र कुमार ने एमडीए (मल्टी ड्रग एज्यूम) पर प्रशिक्षण दिया.

नोडल पदाधिकारी डॉ. विरेंद्र ने क्या कहा: नोडल पदाधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार, लिंफेटिक फाइलेरिया (हाथीपांव) के उन्मूलन के लिए पूरी तरह कृतसंकल्पित है. कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एमडीए (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का वितरण करना भर नहीं है. प्राशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों के सामने लाभुकों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराना भी है. कहा कि सभी के सामूहिक सहयोग से अभियान सफल होता है.

अलबेंडाजोल टेबलेट्स की निर्धारित खुराक: MDA प्रशिक्षण में झारखंड के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि अगस्त 2023 में शुरू किये जा रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार डीईसी (DEC) और अलबेंडाजोल टेबलेट्स की निर्धारित खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर मुफ़्त खिलाई जाएगी. जिन जिलों में आईडीए है, वहां डीईसी  (DIC) और अलबेंडाजोल के साथ आईवरमेक्टिन की भी दवा खिलाई जायेगी.

54 हजार से अधिक लिम्फेडिमा मरीज: स्वास्थ्य विभाग से अप्रैल 2023 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार झारखंड में लिम्फेडिमा (अंगों में सूजन) के लगभग 54 हजार 172 रोगी हैं. वहीं हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन) के 40 हजार 561 मरीज़ हैं. जिनमें से 23 हजार 443 मरीजों का सफल आपरेशन किया जा चुका है. राज्य सरकार की एंटोमोलोजी की परामर्शदात्री सज्ञा सिंह ने बताया कि आगामी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम में सभी लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं सामने ही खिलाना सुनिश्चित किया जाए.

एंटोमोलोजी की परामर्शदात्री ने क्या कहा: सज्ञा सिंह ने कहा कि दवाओं के सेवन उन क्षेत्रों में सुनिश्चित किया जाए जहां लाभार्थी इन दवाओं का सेवन करने से इंकार करते रहे हैं. कहा कि उन लोगों को फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से सुरक्षित रखने के लिए इन दवाओं के सेवन के लिए प्रेरित करने की जरूरत है. कहा कि इसके लिए राज्य स्तर से जिला स्तर तक विभिन्न विभागों एवं स्वयं सेवी संस्थाओ की मदद ली जा सकती है.

बीमारी से दिव्यांग और अक्षम बन जाते: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के राज्य एनटीडी समन्यवक डॉ अभिषेक पॉल ने लिंफेटकि फाइलेरिया बीमारी की गंभीरता को समझाते हुए इसके उन्मूलन के लिए प्राथमिकता के साथ मिशन मोड में काम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि यह बीमारी लोगों को दिव्यांग और अक्षम बना देती है. कार्यक्रम की सतत निगरानी और समीक्षा पर उन्होंने जोर दिया.

मीडिया की भूमिका के बारे में बताया: प्रशिक्षण में तकनीकी विशषज्ञों द्वारा मॉनिटरिंग फॉरमेट, प्रशिक्षण, वित्तीय प्रबंधन और पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा हुई. ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज के प्रतिनिधि अनुज घोष ने MDA अभियान की सफलता के लिए मीडिया की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि 8 अगस्त को अभियान वाले सभी 9 जिलों में मीडिया सहयोगियों के संवेदीकरण के लिए मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. ताकि आबादी के अंतिम छोर तक इस कार्यक्रम से संबंधित जानकारियां मिल सके.

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Bhupendra Pratap
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Bhupendra Pratap, has 2 years of experience in writing Finance Content, Entertainment news, Cricket and more. He has done BA in English. He loves to Play Sports and read books in free time. In case of any complain or feedback, please contact me @jharkhandbreakingnews@gmail.com
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