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Jharkhand Child Brutality : क्रूरता की हदें पार! 3 साल के बच्चे से की दरिंदगी, दोनों पैर और एक हाथ तोड़ा, गला घोंटकर मरना भी चाहा..लेकिन बच गई

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Jharkhand Child Brutality : क्रूरता की हदें पार! 3 साल के बच्चे से की दरिंदगी, दोनों पैर और एक हाथ तोड़ा, गला घोंटकर मरना भी चाहा..लेकिन बच गई

Jharkhand Child Brutality: 3 साल के बच्चे से दरिंदगी का मामला झारखंड से जुड़ा है. धनबाद स्टेशन के टिकट काउंटर पर बेसुध पड़े इस बच्चे का दरिंदों ने हाथ-पैर तोड़ दिया था साथ ही मरा हुआ समझ कर फेंक दिया था लेकिन बच्चे को समय रहते बचाने के लिये इलाज के लिये भेजा गया है.

झारखंड की कोल नगरी यानी धनबाद से मानवता और इंसानियत, दोनों को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है. बच्चा जिसे हर कोई प्यार दुलार करता है उसके साथ हैवानिय की गई है. 3 साल का एक बच्चा गंभीर अवस्था में धनबाद स्टेशन के टिकट काउंटर के समीप पड़ा मिला है. बच्चे के दोनों पैर, और एक हाथ मारपीट कर तोड़ दिए गए थे. यही नहीं उसके गले पर भी निशान थे. गले के निशान देखकर ऐसा प्रतीत होता था, जैसे उसकी गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की गई हो.

विक्रम ठाकुर नाम के एक युवक ने जख्मी अवस्था में उस बच्चे को snmmch अस्पताल में भर्ती करवाया. रेलवे चाइल्ड लाइन मंथन की टीम भी अस्पताल में बच्चे की देखभाल कर रही है. बच्चे की स्थिति काफी गंभीर बताई जा रही है और वो कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. विक्रम ठाकुर ने बताया कि धनबाद स्टेशन के टिकट काउंटर के समीप एक पेड़ के नीचे जख्मी अवस्था में एक बच्चा पड़ा हुआ था. सुबह अखबार बेचने वालों की नजर उस बच्चे पर पड़ी, जिसके बाद अखबार विक्रेता ने उसे धनबाद स्टेशन के टिकट काउंटर के पास लाकर छोड़ दिया. इसके बाद उसकी की नजर उस बच्चे पर पड़ी.

मामले की जानकारी रेलवे चाइल्ड लाइन मंथन को दी. रेलवे चाइल्ड लाइन के द्वारा बच्चे को रेलवे अस्पताल ले जाया गया और मामले की सूचना जीआरपी पुलिस को दी गई. रेलवे अस्पताल से बच्चे को बेहतर इलाज के लिए एसएनएमएमसीएच भेज दिया है, जहां बच्चे का इलाज चल रहा है. मासूम बच्चा कुछ भी बोल पाने में और असक्षम है. विक्रम ठाकुर और रेलवे चाइल्ड लाइन मंथन की महिला वॉलिंटियर ने बताया कि के बच्चे के दोनों पैर और एक हाथ टूटा हुआ है. गले में भी दाग है. गले के निशान देखकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे गला दबाकर उसकी हत्या करने की कोशिश की गई है.

फिलहाल बच्चा कुछ भी बोल पाने में असमर्थ है. सीडब्ल्यूसी को मामले की सूचना दे दी गई है. आगे की कार्रवाई सीडब्ल्यूसी के माध्यम से की जाएगी.

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