झारखंड के साहिबगंज जिलों में दर्जनों गांव कटाव की जद में है। कुछ गांव गंगा नदी के किनारे हैं तो कुछ स्थानीय गुमानी नदी के किनारे। गुमानी नदी के किनारे बसे तकरीबन 30 गांव कटाव की जद में हैं।
झारखंड के साहिबगंज जिलों में दर्जनों गांव कटाव की जद में है। कुछ गांव गंगा नदी के किनारे हैं तो कुछ स्थानीय गुमानी नदी के किनारे। गुमानी नदी के किनारे बसे तकरीबन 30 गांव कटाव की जद में हैं। ग्रामीणों की शिकायत है कि समय रहते अगर पहल नहीं हुई तो संबंधित परिवार की परेशानी बढ़ सकती है। बीते सोमवार की रात को बरहड़वा प्रखण्ड क्षेत्र के माधवापाड़ा पंचायत के अबदुल्लापुर गांव के फकीरपाड़ा में 8-9 मकान कटाव की चपेट में आ गया था।
बता दें कि साहिबगंज जिले में यह समस्या नई नहीं है। बरसात आते ही कटाव की समस्या शुरू हो जाती है। मकान, दुकान, स्कूल, पंचायत भवन और सड़कें, नदी में समा जाती है। लोगों को नए सिरे से मकान बनाना पड़ता है।
प्रशासन से मांग रहे आशियाना और जमीन
गौरतलब है कि अब्दुल्लापुर गांव के फकीरपाड़ा के फहीमा बीबी,आसमारा खातुन, मरजीना बीबी, रमिसा बेवा, रुखसाना आरा, मेशर शेख व साहूद आलम का घर नदी के कटाव की चपेट में आने से कुछ परिवार के लोग अब गांव के दूसरे घर में चले गए हैं। जबकि कुछ परिवार गांव छोड़ के रिश्तेदार के घर पर रहने को विवश हैं। पीड़ित परिवार के लोगों ने प्रशासन से रहने के लिए जमीन व मकान उपलब्ध कराने की मांग की है।
धीरे-धीरे कट रही है नदी किनारे की मिट्टी
गुमानी नदी किनारे बसे नौशाद शेख, अनरुल हक, सफिरूल हक, इरसाद अली, जियाउल हक, मोरसलिम शेख, उस्मान शेख, आहद ,असफाक,साबिर अली, तेजमूल हक, सरीफुल हक, तरीकुल हक, रोशन अली, रेहान अली, नजीमुल हक सहित करीब लोगों के 30 मकान कटाव की जद में है। इन परिवारों का दावा है कि अगर बारिश होकर नदी में पानी भरता है तो हम लोग का घर भी नदी की चपेट में आ जाएगा।
अभी नदी किनारे की मिट्टी कट रही है । इसे अविलम्बर रोकने के लिए प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है। नहीं तो हम सब का मकान भी कटाव की चपेट में आकर नदी में समा जाएगा। गुमानी नदी का जलस्तर मंगलवार से घटने के बाद भी क्षेत्र में जगह-जगह नदी किनारे की मिट्टी धस रहा है।