मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए झारखंड में विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं. इसके तहत हर साल कक्षा आठ में पढ़नेवाले पांच हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इस बार 12 जिलों में लक्ष्य से 90 फीसदी कम आवेदन जमा हुए.
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए झारखंड में विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं. इसके तहत हर साल कक्षा आठ में पढ़नेवाले पांच हजार विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है. इस बार 12 जिलों में लक्ष्य से 90 फीसदी कम आवेदन जमा हुए. इस कारण झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने आवेदन जमा करने की तिथि बढ़ा दी है.
इससे पहले शिक्षा सचिव ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को विद्यार्थियों का आवेदन जमा कराने को कहा था. इसके बाद भी आवेदन जमा नहीं हो पाये. राज्य में कक्षा आठ में नामांकित पांच लाख विद्यार्थियों में से लगभग दो लाख विद्यार्थी छात्रवृत्ति परीक्षा के लिए आवेदन जमा करने की पात्रता रखते हैं. आवेदन जमा करने के लिए यह अनिवार्य है कि विद्यार्थी कक्षा सातवीं की परीक्षा 55 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण हो.
रांची में सबसे अधिक 3059 आवेदन
रांची में सबसे अधिक 3059 विद्यार्थियों ने आवेदन किया. जबकि रांची में 15904 का लक्ष्य है. राज्य में सबसे अधिक 27 फीसदी आवेदन साहेबगंज व पश्चिमी सिंहभूम जिला में जमा हुए हैं.
पांच जिला में 500 से कम आवेदन
राज्य के पांच जिलों में आवेदन जमा करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या 500 से भी कम हैं. सिमडेगा की स्थिति राज्य में सबसे खराब है. सिमडेगा में मात्र 119 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है. गुमला में 173, रामगढ़ में 276, पाकुड़ में 291 व गढ़वा में 382 विद्यार्थियों ने आवेदन किया है. चतरा,पलामू, देवघर, कोडरमा, बोकारो, धनबाद, दुमका, रामगढ़, पाकुड़, गढ़वा, सिमडेगा, व गुमला में लक्ष्य की तुलना में 10 फीसदी भी आवेदन जमा नहीं हुआ.
पिछले वर्ष 1200 कम विद्यार्थी हुए थे चयनित
पिछले वर्ष छात्रवृत्ति के लिए पांच हजार में से 3869 विद्यार्थी ही चयनित हुए थे. जो विद्यार्थी चयनित हुए उनमें से भी लगभग 200 विद्यार्थी को छात्रवृत्ति नहीं मिल सकी. विद्यार्थी छात्रवृत्ति के लिए आवश्यक कागजात नहीं जमा कर सके. इनमें से अधिकतर विद्यार्थी जाति प्रमाण पत्र जमा नहीं कर सके.
क्या है योजना
मुख्यमंत्री मेधा छात्रवृत्ति राज्य सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी छात्रवृत्ति योजना है. इसके तहत कक्षा आठ में परीक्षा ली जाती है. चयनित पांच हजार विद्यार्थी को कक्षा नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष 12 हजार रुपये दिये जाते हैं.