Jharkhand: डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने बताया कि पूरे मामले की चार लेवल पर जांच होगी और जांच के बाद ही बताया जा सकता है कि आखिर किस कारण से पॉवर ब्लॉक नहीं लिया गया और यह घटना हुई.
Jharkahnd News: झारखंड के धनबाद (Dhanbad) रेल मंडल में बड़ा हादसा हुआ है. यहां दिल्ली हावड़ा रेल रूट पर कतरास स्टेशन के आउटर के पास निचितपुर हाल्ट पर खंभा गाड़ने के दौरान छह ठेका मजदूरों की मौत हो गई है. दरअसल, अचानक खंभे में हाई टेंशन तार से करंट आने से छह मजदूर बुरी तरह झुलस गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
जबकि अन्य बीस से ज्यादा ठेका मजदूर भी इस करंट की चपेट में आ गए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद दिल्ली हावड़ा रेल रूट पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गई है और धनबाद रेल मंडल के तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंच कर मामले की जांच में जुट गए हैं.
खंभा गाड़ने के दौरान हुआ हादसा
दरअसल, सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब धनबाद रेल मंडल के कतरास स्टेशन के आउटर निचितपुर हाल्ट पर रेलवे मेंटनेंस का काम चल रहा था. ठेकेदार द्वारा मौके पर खंभे गड़वाए जा रहे थे, तभी रेलवे के हाई टेंशन तार का करंट खंभे में उतर आया. जिससे 25000 वोल्ट करंट दौड़ते ही तमाम मजदूर उसके चपेट में आ गए और चंद सेकेंड में ही छह मजदूरों की मौत हो गई. जबकि 20 से ज्यादा मजदूर बुरी तरह झुलस गए हैं.
मृतकों की पहचान गोबिंद सिंह, श्यामदेव सिंह, संजय राम, श्याम भुइंया, सुरेश मिस्त्री और दामोदर राम के रूप में हुई है. घटना की खबर मिलते ही धनबाद गोमो स्टेशन के बीच बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई. अप और डाउन रूट की तमाम ट्रेनें अलग अलग स्टेशनों पर रोक दी गई हैं. जानकारी के मुताबिक कई मजदूर झुलस गए हैं जिन्हें बेहतर इलाज के लिए धनबाद रेलवे अस्पताल ले जाया गया है.
डीआरएम समेत रेलवे के तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंचे
घटना की खबर मिलते ही धनबाद रेल मंडल के तमाम आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना का जायजा लिया. डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने बताया कि, तकरीबन 11 बजकर 50 मिनट पर यह घटना हुई है. जानकारी मिलते ही तुरंत रेस्क्यू टीम के साथ सभी अधिकारी मौके पर पहुंच गए. डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने हादसे में 6 मजदूरों के मारे जाने की पुष्टि की है.
जबकि अन्य घायलों को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराने की बात कही है. उन्होंने माना कि घटना कहीं ना कहीं सुपरवाइजर की लापरवाही से हुई है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की चार लेवल पर जांच होगी और जांच के बाद ही बताया जा सकता है कि आखिर किस कारण से पॉवर ब्लॉक नहीं लिया गया और यह घटना हुई. दरअसल, ऐसे कामों के पहले पॉवर ब्लॉक कराया जाता है, उसके बाद ही मजदूरों को काम पर लगाया जाता है.