चांडिल में झारखंड बंद असरदार रहा. टाटा रांची मुख्य मार्ग संख्या एनएच-33 चांडिल गोल चक्कर में छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतार लग गई. पारंपरिक परिधान और औजार के साथ बंद समर्थक सड़क पर उतरे. बंद समर्थकों ने एनएच-33 पर टायर जलाकर विरोध किया.
झारखंड बंद सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल में असरदार रहा. टाटा रांची मुख्य मार्ग संख्या एनएच-33 चांडिल गोल चक्कर में छोटी बड़ी वाहनों की लंबी कतार लग गई. वहीं, बंद समर्थकों ने एनएच-33 पर टायर जलाकर विरोध किया.
बंद समर्थक ने कहा कि ओलचिकी भाषा को लेकर झारखंड सरकार से हमारी मांगे हैं कि झारखंड प्रदेश में संताली भाषा का ओलचिकी लिपि से पुस्तकों का मुद्रण और पठन-पाठन शुरू हो. संताली शिक्षकों की बहाली हो, संताली भाषा को प्रथम राज भाषा का दर्जा देना होगा, अलग से संताली अकादमी का गठन करना होगा जैसे मांगे शामिल हैं.
पारंपरिक परिधान और औजार के साथ सड़क पर उतरे
अपनी मांगों के लेकर संताली पारंपारिक औजार के साथ सड़क पर उतरे. इस मौके पर ओलचिकि हूल बैसी सरायकेला जिला अध्यक्ष डां अर्जुन टुडू, छात्रनेता सुदामा हेंब्रम, गोपाल मार्डी, गोपाल टूडू, अनिमा टूडू, लखन मुर्मू, लखन मुर्मू, दिनेश सोरेन, सुजन किस्कू, रतन मार्डी, नरेंद्र हांसदा, सुमित टुडू, फागुन मार्डी, सुमित मार्डी, मंगल हांसदा आदि काफी संख्या में महिला-पुरुष अपने पारंपारिक पोशाक और वाद्ययंत्र व पारंपारिक औजार के साथ मौजूद थे.