Jharkhand Weather: मौसम विभाग के अनुसार राजधानी में अगले 24 घंटों के दौरान गरज और आंधी के साथ बारिश होने की भी संभावना है. राजधानी समेत राज्य में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने का अलर्ट जारी किया गया है.
Jharkhand weather Update: झारखंड में रांची (Ranchi) समेत कई शहरों में तापमान गिर गया है. इससे लोगों को तपती गर्मी से राहत मिली है. मौसम विभाग के अनुसार 27 मई तक तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी. अगले चार दिनों तक रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में बादल रह सकते हैं. इस दौरान आंधी के साथ बारिश होगी. वहीं वज्रपात और ओलावृष्टि की भी संभावना जताई जा रही है.
मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को संताल में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है. पश्चिमी विक्षोभ से पलामू और उत्तरी झारखंड में भी बारिश के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवा के कारण यहां का मौसम प्रभावित रहेगा. इसका असर 27 मई तक दिखेगा. वहीं बीते 24 घंटे में संताल में कई इलाकों में बारिश हुई.
मौसम विभाग के अनुसार आज यानी गुरुवार को मेदिनीनगर का न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सिय और अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस, रांची का न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सिय और अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस, जमशेदपुर का न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सिय और अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. वहीं बुधवार को राज्य में सर्वाधिक तापमान मेदिनीनगर का 41.0 डिग्री रहा. 2 दिन पहले यहां पारा 44.9 था.
वहीं बूंदाबादी के बाद रांची का तापमान गिरा है. यहां बुधवार को अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री दर्ज किया गया. कल रात शहर के कई हिस्सों में तेज हवा और बिजली कड़कने के साथ बारिश हुई. इस कारण कई दिनों से गर्मी और उमस से बेचैन शहरवासियों को गर्मी से राहत मिली.
अगले 24 घंटे में हो सकती है बारिश
दरअसल, मौसम विभाग के अनुसार राजधानी में अगले 24 घंटों के दौरान गरज और आंधी के साथ बारिश होने की भी संभावना है. राजधानी समेत राज्य में कहीं-कहीं ओलावृष्टि होने का अलर्ट जारी किया गया है. वहीं मौसम विभाग रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि, राजधानी समेत राज्य के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है.
राज्य के अन्य हिस्सों में अगले चार दिनों के दौरान गरज वाले बादल छाए रहेंगे. इससे बारिश होने की संभावना है. वैज्ञानिकों के मुताबिक देश के पश्चिमोत्तर भाग में आए वेस्टर्न डिस्टर्बेस और बंगाल की खाड़ी से आनेवाली नम हवा के कारण साईक्लोनिक सर्कुलेशन बना है.