Latest FD Interest Rates: रिजर्व बैंक ने एक बार फिर से रेपो रेट में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. ऐसे में जान लीजिए कि देश का कौन सा प्राइवेट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर सबसे अधिक ब्याज दे रहा है. आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) को अभी भी सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. आज के समय में देश के सरकारी और प्राइवेट बैंक तरह-तरह के आकर्षक फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान पेश कर रहे हैं. आमतौर पर बैंक सात दिनों से लेकर 10 साल के बीच की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज प्रदान करते हैं. हर एक बैंक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें अलग होती हैं.
आठ जून को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट को स्थिर रखा है. ये वो दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को लोन देता है. रेपो रेट में बदलाव के बाद बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में भी बदलाव करते हैं. ऐसे में आइए जान लेते हैं कि देश के प्रमुख बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर कितना ब्याज दे रहे हैं.
एचडीएफसी बैंक-(HDFC bank)
देश का सबसे बड़ा प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट पर तीन फीसदी से लेकर 7.25 फीसदी का ब्याज ऑफर कर रहा है. 7.25 फीसदी की मैक्सिमम ब्याज दर 4 साल 7 महीने से 10 साल की अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक दे रहा है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, ये ब्याज दरें दो करोड़ रुपये से कम की डिपॉजिट पर 29 मई 2023 से लागू हैं.
आईसीआईसीआई बैंक-(ICICI Bank)
आईसीआईसीआई बैंक सामान्य नागरिकों के लिए सात दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर तीन फीसदी से लेकर 7.10 फीसदी तक का ब्याज ऑफर कर रहा है. 7.10 फीसदी की उच्चतम दर 15 महीने और 18 महीने से कम, 18 महीने से दो साल की अवधि की डिपॉजिट पर मिलती है. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, दरें 24 फरवरी 2023 से लागू हैं.
कोटक महिंद्रा बैंक-(Kotak Mahindra Bank)
कोटक महिंद्रा बैंक सामान्य नागरिकों के लिए 7 दिनों से लेकर 10 साल तक की अवधि की फिक्स्ड डिपॉजिट पर 2.75 प्रतिशत से 7.20 प्रतिशत के बीच ब्याज ऑफर कर रहा है. 7.20 फीसदी की उच्चतम दर 390 दिन, 391 दिन, 23 महीने से कम, 23 महीने और 23 महीने 1 दिन और 2 साल से कम की अवधि की डिपॉजिट पर मिलेगा. बैंक की वेबसाइट के अनुसार, ब्याज दरें 11 मई, 2023 से लागू हैं.
पिछले वित्त वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी समिति ने रेपो रेट में लगातार इजाफा किया था. इस वजह से बैंकों ने भी अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम की ब्याज दरों में इजाफा किया था.