पी के मुजफ्फरनगर नगर के कस्बा बुढाना की रहने वाली स्ट्रावेट चैंपियन पूजा तोमर ने अपने जीवन में अनेकों संघर्ष झेले हैं और रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए आज अपना एक ख़ास मुकाम हासिल किया है. पूजा को लोग प्यार से देशी शेरनी के नाम से भी बुलाते हैं.
मुश्किलों का सामना कैसे करना है ये कोई पूजा तोमर से सीखें. विषम परिस्थितियों से निपटने का हुनर कोई पूजा तोमर से सीखें. छोटे से कस्बे की रहने वाली पूजा तोमर आज मिक्सड मार्शल आर्ट (MMA) और मैट्रिक्स फाइट नाइट (MFN) की वर्ल्ड चैंपियन हैं. पूजा ने हाल ही में मैट्रिक्स फाइट नाइट (MFN) में रूस की अनास्तासिया फेफेनोवा को हराते हुए अपना टाइटल डिफेंड किया. ये दूसरी बार है जब पूजा ने MFN का खिताब अपने नाम किया.
खिताब जीतने के बाद पूजा सीधे अपने चाचा से मिलने करनाल पहुंच गई. पूजा तोमर ने बताया वह अपने चाचा से ख़ास लगाव रखती हैं और प्यार से उन्हें बाबूजी कहकर बुलाती हैं. एक लंबे समय से वे अपने चाचजी से नहीं मिल पाईं थी इसलिए खासतौर पर वह अपने चाचाजी से मिलने हरियाणा आई हुई हैं. पूजा के चाचा सत्यवीर तोमर ने भी पूजा की जीत पर बधाई दी और पूजा को और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. पूजा के चाचा का मानना है कि आज पूजा जिस मुकाम पर है वह खुद की मेहनत से हैं.
खेल में निकाला अपना अग्रेशन
मूलतः यूपी के मुजफ्फरनगर नगर के कस्बा बुढाना की रहने वाली स्ट्रावेट चैंपियन पूजा तोमर ने अपने जीवन में अनेकों संघर्ष झेले हैं और रास्ते की सभी बाधाओं को पार करते हुए आज अपना एक ख़ास मुकाम हासिल किया है. पूजा को लोग प्यार से देशी शेरनी के नाम से भी बुलाते हैं.
परिवार की विषम परिस्थियां से निपटने की चुनौतियां ही पूजा को मार्शल आर्ट तक खींच लाई. पूजा कहती हैं कि वह स्वभाव से गुस्सैल हैं और उन्होंने अपना सारा गुस्सा मार्शल आर्ट सीखने में निकाला.वुशु गेम में 5 बार नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं पूजा
छह साल की उम्र में पिता का साया खो देने के बाद पूजा को अपनी दो बहनों और मां की सुरक्षा की फ़िक्र सताने लगी थी. पूजा कहती हैं कि घर से निकलने में उनके परिवार के सदस्य असुरक्षित महसूस न करें और कोई लड़का उनकी बहनों को परेशान न करें इसके लिए उन्होंने बहनों का भाई और मां का बेटा बनने की ठानी.
इसके लिए पूजा ने पहले वुशु गेम सिखा. जानकारी के लिए बता दें कि वुशु गेम भी मार्शल आर्ट की ही एक शैली है और पूजा इस गेम में 5 बार नेशनल गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं.
लड़कियों का मार्शल आर्ट सीखना जरूरी
पूजा का कहना हैं कि अगर हमारे देश की बेटियां उसकी तरह मार्शल आर्ट सीख लें तो उन्हें किसी लड़के से डरने की जरूरत नहीं है, वे खुद अपनी सुरक्षा कर सकती हैं. पूजा लड़कियों और उनके अभिभावकों को सन्देश देते हुए ये कहती हैं कि मार्शल आर्ट सीखने से डरे नहीं, अभिभावक भी आगे आए और अपनी बेटियों को मिक्स्ड मार्शल आर्ट सिखाए.