Nitin Gadkari Latest News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) ने बुधवार को भारतीय कंपनियों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की खराब गुणवत्ता पर चिंता जताई है.
Nitin Gadkari Latest News: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) ने बुधवार को भारतीय कंपनियों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) की खराब गुणवत्ता पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मानकों पर पूरी नहीं उतरने वाली ऐसी रिपोर्ट के कारण परियोजना पूरी होने में देरी होती है और सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि ज्यादातर मामलों में राजमार्गों और अन्य सड़कों के निर्माण में लागत वृद्धि निर्णय लेने में देरी के कारण होती है.
क्या बोले केंद्रीय मंत्री-(what did the union minister say?)
उन्होंने कहा, “सबसे ज्यादा दोषी कोई है तो डीपीआर बनाने वाला. डीपीआर की गुणवत्ता सबसे बड़ा मुद्दा है.” मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार रिपोर्ट अच्छी नहीं होती है इसलिए अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को वरीयता दी जानी चाहिए. अपने स्पष्ट विचारों के लिए चर्चित केंद्रीय मंत्री ने कुछ सड़क हादसों के लिए डीपीआर की खराब गुणवत्ता को जिम्मेदार ठहराया. गडकरी ने कहा कि ठेकेदारों को डीजल से संचालित मशीनों के उपयोग को कम कर देना चाहिए.
ब्लॉग स्पॉट की करी पहचान-(Curry recognition of the blog spot)
आपको बता दें सड़क दुर्घटना के बारे में मीडिया से पहले भी बात करते हुए गडकरी ने कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं के लिए रोड इंजीनियरिंग बहुत बड़ी समस्या है. हमने हर कार में एयरबैग्स लगाने, दोपहिया वाहनों के लिए हेलमेट को अनिवार्य करने सहित नया वाहन एक्ट लेकर आए. हमने 40,000 करोड़ रुपये खर्च कर ब्लैक स्पॉट की पहचान की और उसमें सुधारने की कोशिश कर रहे हैं.
टोल टैक्स को लेकर अभी क्या है नियम-(What is the rule regarding toll tax now?)
नितिन गडकरी ने कहा कि अभी अगर कोई व्यक्ति टोल रोड पर 10 किलोमीटर की दूरी भी तय करता है तो उसे 75 किलोमीटर का शुल्क देना पड़ता है लेकिन नई व्यवस्था में उतनी दूरी का ही शुल्क लिया जाएगा जितनी दूरी तय की गई होगी. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) वित्तीय संकट से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि एनएचएआई (NHI) की हालत बिल्कुल ठीक है और उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दो बैंकों ने कम दर पर ऋण देने की पेशकश की.
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