DA Hike: हर 6 महीने में आप भी सुनते होंगे कि महंगाई भत्ता बढ़ने वाला है. बढ़ता भी है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तो इसका बेसब्री से इंतजार भी रहता है. क्योंकि, महंगाई बढ़ती है तो भत्ता भी उसी अनुपात में बढ़ता है और कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा होता है.
DA Hike: हर 6 महीने में आप भी सुनते होंगे कि महंगाई भत्ता बढ़ने वाला है. बढ़ता भी है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों को तो इसका बेसब्री से इंतजार भी रहता है. क्योंकि, महंगाई बढ़ती है तो भत्ता भी उसी अनुपात में बढ़ता है और कर्मचारियों की सैलरी में जबरदस्त इजाफा होता है. इसके लिए महंगाई भत्ते (Dearness allowance) की कैलकुलेशन को समझना जरूरी है.
कर्मचारियों की सैलरी में कई कंपोनेंट शामिल होते हैं. इनमें से एक है फिटमेंट फैक्टर, दूसरा है अप्रेजल. इन दोनों के आधार पर ही बेसिक सैलरी तय होती है. क्योंकि, फिटमेंट बढ़ेगा तो अपने आप ही सैलरी बढ़ जाएगी. वहीं, अप्रेजल होगा तो सैलरी रिविजन भी होगा. लेकिन, नई खबर ये है कि बिना फिटमेंट फैक्टर (Fitment factor) और अप्रेजल के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्त इजाफा होने जा रहा है.
बेसिक सैलरी में जुड़ता है महंगाई भत्ता
बेसिक सैलरी (Basic salary) में जबरदस्त इजाफा कैसे होगा? इसके लिए थोड़ा फ्लैशबैक में चलते हैं. सरकार ने साल 2016 में जब 7वां वेतन आयोग (7th pay commission) लागू किया तो महंगाई भत्ते को शून्य कर दिया गया. कैलकुलेशन के लिए नया आधार वर्ष तय कर दिया गया. महंगाई भत्ता शून्य होने से कर्मचारियों को ये फायदा हुआ कि पिछला महंगाई भत्ता उनकी बेसिक सैलरी में जोड़ दिया गया. अब एक बार फिर ऐसा ही कुछ होने जा रहा है. महंगाई भत्ता को एक बार फिर से बेसिक सैलरी में मर्ज करके सैलरी बढ़ाने की योजना है और फिर महंगाई भत्ता 0 हो जाएगा.
क्यों 0 हो जाएगा महंगाई भत्ता?
अब सवाल आता है कि ऐसा क्यों होगा? दरअसल, साल 2016 के मेमोरेडम में ये बताया गया है कि जैसे ही महंगाई भत्ता (DA) 50 फीसदी यानि बेसिक सैलरी का 50% होगा, तो इसे शून्य कर दिया जाएगा. मतलब जीरो होने के बाद अभी जो महंगाई भत्ता 42 फीसदी मिल रहा है ये वापस 1 फीसदी, 2 फीसदी से शुरू होगा. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि, 50 फीसदी महंगाई भत्ता (DA Hike) पहुंचते ही इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. इससे कर्मचारियों को अपने सैलरी रिविजन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. पहले महंगाई भत्ता 100 फीसदी से भी ऊपर निकल जाता था. छठे वेतन में यही फॉर्मूला था.
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तो कितनी बढ़ जाएगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी?
मौजूदा वक्त में पे-बैड लेवल-1 पर 18000 रुपए बेसिक सैलरी है. ये सबसे न्यूतनम बेसिक है. अगर इसकी कैलकुलेशन देखें तो कुल मिलाकर अभी 7560 रुपए बतौर महंगाई भत्ता मिलता है. लेकिन, अगर यही कैलकुलेशन 50 फीसदी महंगाई भत्ते पर देखें तो 9000 रुपए मिलेंगे.
अब यहां कैच आता है. 50 फीसदी डीए होते ही इसे शून्य करके बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाएगा. मतलब 18000 रुपए वाली सैलरी 9000 रुपए बढ़कर 27000 रुपए पहुंच जाएगी. इसके बाद महंगाई भत्ता 27000 रुपए पर कैलकुलेट होगा. अगर 0 होने के बाद अगर 3 फीसदी डीए बढ़ता है तो 810 रुपए महीना उनकी सैलरी में बढ़ जाएगा.
तो कब तक बढ़ेगी 9000 रुपए बेसिक सैलरी?
मौजूदा वक्त में केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government employees) का महंगाई भत्ता 42 फीसदी है. अब अगला रिविजन जुलाई 2023 में होना है, जिसमें 4 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. मतलब जुलाई के बाद 46 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता बढ़ेगा.
ऐसी स्थिति में जनवरी 2024 वाले महंगाई भत्ते के रिविजन पर नजर रखनी होगी. अगर वो 4 फीसदी बढ़ता है तो महंगाई भत्ता 50 फीसदी पहुंच जाएगा. अगर 3 फीसदी बढ़ता है तो ये 49 फीसदी होगा. 50% होने की स्थिति में महंगाई भत्ता जनवरी 2024 से ही शून्य हो जाएगा. मतलब जुलाई 2024 से बढ़ी हुई बेसिक सैलरी पर ही महंगाई भत्ता कैलकुलेट होगा. अगर 49 फीसदी रहता है तो जुलाई 2024 तक इंतजार करना होगा.
फिर बढ़ेगा 4 फीसदी महंगाई भत्ता
केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike) में 4 फीसदी का इजाफा मार्च में किया गया था. ये जनवरी 2023 से लागू हुआ. अब जुलाई 2023 से अगले महंगाई भत्ते का ऐलान होना है. उम्मीद है कि इसमें भी 4 फीसदी का इजाफा होगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो जिस तरह महंगाई के हालात हैं और दो महीने के CPI-IW के आंकड़ें आए हैं, उससे साफ है कि आने वाले दिनों में महंगाई भत्ते में भी 4 फीसदी की तेजी आएगी. मतलब महंगाई भत्ता जुलाई में 46% हो सकता है.
क्यों किया जाएगा महंगाई भत्ता शून्य?
जब भी नया वेतनमान (Central pay commission) लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले DA को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है. जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता. वित्तीय स्थिति आड़े आती है. हालांकि, साल 2016 में ऐसा किया गया. उससे पहले साल 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत DA मिल रहा था. पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था. इसलिए छटे वेतनमान का गुणांक 1.87 था. तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था. लेकिन, इसे देने में तीन साल लग थे.
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