अगर कोई Taxpayer अलग-अलग तरह की चुकें करता है तो उसके ऊपर आयकर अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जाता है. इन Penalties के अंदर Tax के भुगतान में डिफॉल्ट सेल्फ एसेसमेंट टैक्स को ना भरना, इनकम रिटर्न भरने (ITR) में गलती करना और अन्य शामिल हैं. इनके साथ साथ Income Tax Department, इनकम की Underreporting या Misreporting हो तो भी पेनल्टी लगाता है. आय की Underreporting का तात्पर्य यह है कि जब Taxpayer अपनी आय की विवरणी में रिपोर्ट की गई आय अपनी अर्जित वास्तविक आय से कम बताता है.
क्या होती है गलत रिपोर्टिंग-(What is wrong reporting)
गलत Reporting को समझना बेहद जरूरी है. इसके अंदर तथ्यों की गलत बयानी या दमन करना, खाते की किताबों में गलत निवेश Record करना, जब व्यय का कोई साक्ष्य दावा प्रमाणित ना करे, खाते की किताबों में किसी गलत प्रविष्टि की Recording होना, कुल आय पर Impact डालने वाली खाते की पुस्तकों में किसी गलत रसीद को दर्ज कर देना और किसी अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन या अंतरराष्ट्रीय मानी जाने वाली लेनदेन या किसी निर्दिष्ट घरेलू लेनदेन की गलत Reporting करना शामिल है.
अध्याय के विभिन्न खण्डों में विशेष प्रावधानों को किया गया प्रभाषित
आयकर अधिनियम 1961 के अध्याय X के अंदर परिहार से जुड़े कुछ विशेष प्रावधान है. अध्याय के अलग-अलग खंडों के अंदर अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन संबंध उद्यम अमूर्त संपत्ति और निर्दिष्ट घरेलू लेने जैसी शर्तों की परिभाषा दी गई है. इनकम टैक्स विभाग ने आय को कम या गलत बताने के लिए भी अलग-अलग प्रावधानों और शर्तों को Develop किया है और करदाता ज्यादा जानकारी के लिए इनकम टैक्स विभाग की Official Website पर जा सकते हैं.
कम Reporting जैसी गलती करने पर भरना पड़ सकता है ये दंड
अगर Taxpayers सही से नियमों का पालन करना चाहते हैं और आईटी अधिनियम के अलग-अलग प्रावधानों को समझना चाहते हैं तो टैक्स विशेषज्ञ से जरूर Advice लें. IT विभाग के अनुसार अगर कम रिपोर्ट वाली आय पर टैक्स का 50% जुर्माना भरना होगा. बता दें कि ऐसी स्थिति में जब आएगी गलत सूचना दी जाती है तो उसकी वजह से आय की कम Reporting होती है और Taxpayer को ऐसी गलती करने पर Income पर Tax के 200% की दर से दंड देना पड़ सकता है.