झारखंड और छत्तीसगढ़ की राजधानी को फोर लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़ने की दिशा में काम तीव्र गति से शुरू हो गया है। झारखंड में आठ हिस्से में रायपुर-धनबाद कॉरिडोर को बनाया जाना है।
झारखंड और छत्तीसगढ़ की राजधानी को फोर लेन इकोनॉमिक कॉरिडोर से जोड़ने की दिशा में काम तीव्र गति से शुरू हो गया है। झारखंड में आठ हिस्से में रायपुर-धनबाद कॉरिडोर को बनाया जाना है। कुछ हिस्से में काम शुरू हो गया है, जबकि कुछ भागों में निर्माण के लिए डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है। इनमें इस वित्तीय वर्ष के दौरान काम शुरू कराने का लक्ष्य रखा गया है।
झारखंड सीमा में रायपुर-धनबाद कॉरिडोर करीब 250 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर लगभग 6725 करोड़ रुपये की लागत आंकी गई है। दोनों राज्यों की सीमा में अलग-अलग भाग में निर्माण के लिए निविदाएं निकाली जा रही हैं। रायपुर-धनबाद वाया रांची इकोनॉमिक कॉरिडोर दोनों राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों के विकास और व्यापार की दृष्टि से अहम है। भारत माला के तहत बनने वाला यह कॉरिडोर रायपुर छत्तीसगढ़ से शुरू होकर गुमला, पलमा, रांची रिंग रोड, ओरमांझी, गोला, चास से होते हुए रायगंज, धनबाद को जोड़ेगा।
झारखंड की पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर कनेक्टिविटी से आवागमन लागत में भी कमी और कम समय में दूरी तय हो सकेगी। झारखंड में आर्थिक गतिविधियों को गति और विकास में तेजी आएगी। पहले चरण में इकोनॉमिक कॉरिडोर रांची से लिट्टीबेड़ा तक फोर लेन और रायपुर से धनबाद के बीच इकोनॉमिक कॉरिडोर बनेगा। इकोनामिक कॉरिडोर बनने से झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच अगले तीन वर्षों में व्यापार का एक नया मार्ग तैयार हो जाएगा।
पड़ोसी राज्यों से फोर लेन और छह लेन एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी होगी इस कॉरिडोर से झारखंड को अगले तीन वर्षों में पांचों पड़ोसी राज्यों से फोर लेन और छह लेन एक्सप्रेस-वे से कनेक्टिविटी हो जाएगी। एक तरफ दिल्ली से कोलकाता के बीच जीटी रोड छह लेन का एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इससे जुड़े राज्यों यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल के लिए झारखंड को छह लेन कनेक्टिविटी मिलेगी। दूसरी ओर ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए नई फोर लेन कनेक्टिविटी की दिशा में भी भारत माला परियोजना के तहत काम हो रहा है।
झारखंड एनएचएआई के क्षेत्रीय अधिकारी वाईबी सिंह ने कहा, ‘झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा में रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर के एक दो हिस्से में ही डीपीआर बन रहा है। शेष लगभग सभी भागों में काम शुरू हो गया है। परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।’
रायपुर-धनबाद वाया रांची इकोनॉमिक कॉरिडोर समेत राज्य के कुछ अन्य कॉरिडोर की स्थिति
1. रायपुर-धनबाद वाया रांची इकोनॉमिक कॉरिडोर
● एनएच 23 छत्तीसगढ़-झारखंड बॉर्डर से गुमला तक, 30 किमी, लागत लगभग 1450 करोड़। डीपीआर बन रहा है।
● एनएच 23 गुमला से पलमा 63 किमी, लागत 1572 करोड़। निर्माण जारी। 42 फीसदी काम पूरा।
● एनएच 75 पलमा से पिस्कामोड़ होते हुए ललगुटवा रिंग रोड तक 23 किमी, 240 करोड़। निर्माण पूरा।
● एनएच 33 रिंग रोड से विकास विद्यालय, ओरमाझी तक 10 किमी।
● एनएच 32 ओरमाझी-गोला-चास, बोकारो 60 किमी, 2300 करोड़। 21 जून से काम शुरू हुआ।
● चास से जैनामोड़ तक लगभग 38 किमी का निर्माण होना है, इसपर करीब 300 करोड़ की लागत आएगी।
● एनएच 32 पर चास से रायगंज धनबाद तक 78 किमी, 1144 करोड़ की लागत आएगी।
2. झारखंड से जुड़े अन्य इकोनॉमिक कॉरिडोर
● संबलपुर-रांची इकोनामिक कॉरिडोर
● एनएच 143एच पर लिट्टीबेड़ा से जोराम तक, 32 किमी
● एनएच 143 पर जोराम से जामटोली तक, 46.80 किमी
● एनएच 148डी के जामटोली से रांची सीठियो, 7.20 किमी
रूट: यह कॉरिडोर लिट्टीबेड़ा, केरिया, लोइंगा से रांची रिंग रोड तक होगा।
3. वाराणसी-रांची इकोनामिक कॉरिडोर, एनएच 75
● कुरु से उदयपुरा सेक्शन तक, 40.4 किमी
● उदयपुरा से भोगू तक, 48.55 किमी
● भोगू से संखा तक 39.38 किमी
● खजूरी से विंधमगंज, 40.88 किमी
रूट: यह कॉरिडोर झारखंड और उत्तर प्रदेश के बीच नई कनेक्टिविटी के लिए बनेगा। यह कॉरिडोर वाराणसी से शुरू होकर झारखंड के विडमगंज, खजूरी, शंखा, कुडू, बीजूपाड़ा होते हुए रांची को जुड़ेगा।
4. रांची से पारादीप, एनएच 75ई
● खूंटी से लेटरे सेक्शन, 49.38 किमी
● लेटरे से भूइंया देवगन सेक्शन, 40.88 किमी
● भुइयां देवगन से केलेंडे सेक्शन, 52.45 किमी
● केलेंडे से जैंतगढ़ तक 41.90 किमी
रूट: यह कॉरिडोर झारखंड के जैंतगढ़, हटगम्हरिया, चाईबासा, चक्रधरपुर, खूंटी, तुपुदाना, केलेंडे, भुइंया से होते हुए रांची आएगा।
5. पटना (बख्तियारपुर) से रांची (ओरमांझी) इकोनॉमिक कॉरिडोर
● एनएच 31 पर कोडरमा से मेघातरी सेक्शन तक 20 किमी
रूट: यह कॉरिडोर रांची से पटना को जोड़ता है। पटना से शुरू होकर झारखंड में बरही, हजारीबाग, रामगढ़ होते हुए रांची से ओरमांझी तक जाएगा।